प्रतापगढ़। जिला विकास अधिकारी और उनके करीबी ने जनपद में साइक्लो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ छल किया है। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूह के स्टार्टअप फंड के लिए जारी धनराशि बंदरबांट की शिकार हो गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक 300 से ज्यादा ग्राम संगठन और समूह को उनका अपना कारोबार शुरू करने के लिए रखरखाव हेतु 25000 से 75 हजार रुपए जारी किए गए। इन समूह के लिए खरीद का जुम्मा जिला विकास अधिकारी के एक करीबी व्यक्ति को मिला। पता चला कि ज्यादातर सामग्री घटिया थी और समूह को मिला ही नहीं।
टी एच आर प्लांट के कच्चे माल की खरीद में करोड़ों का घोटाला:
जनपद में 6 टी एच आर प्लांट स्थापित है। इन प्लांट में आंगनवाड़ी केंटो के लिए बाल पोषाहार तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन यह प्लांट बंद पड़े हैं और उनके लिए फिर भी लगातार कच्चा माल की खरीद हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक करोड़ों रुपए मूल्य का कच्चा माल कागज पर ही खरीदा गया है। खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई जा रही है। टी एच आर प्लांट स्थापित करने में सैकड़ो स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा वित्तपोषित किया गया और उस फंड को थी प्लांट स्थापित करने में खर्च कर दिया गया। तथाकथित तौर पर स्थापित टी एच आर प्लांट बंद पड़े हैं। महिलाएं कर्ज के जाल में फंस गई है। उनके घर बैंक की नोटिस आ रही है। अधिकारी महिला स्वयं सहायता समूह के नाम पर जारी फंड की लूट कर रहे हैं। पीड़ित महिलाओं की कहानी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जानकारी के मुताबिक लगभग डेढ़ लाख महिलाएं प्रभावित हुई हैं और उनकी विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर सरकार से बेहद नाराजगी है जिसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
बता दे कि इस समय एनआरएलएम का चार्ज भी जिला विकास अधिकारी के पास है।
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