अवधभूमि

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लखनऊ। महिला कल्याण विभाग के मुख्यालय में पिछले 10 वर्षों से लूटपाट करने वाला मिशन वात्सल्य योजनाधिकारी पुनीत मिश्रा पर तमाम स्थानांतरण सत्र आए और चले गए पर इनका कुछ भी बाल बांका नहीं हुआ है ये निरंतर अपने लूट पाट में लगे हुए हैं.हाल का वाक्या ये है कि साहब ने पुराने डायरेक्टर महिला कल्याण के समय में मुख्यालय एवम जिले की तमाम संस्थाओं में ऑनलाइन cctv मोनिटरिंग हेतु mis सिस्टम के नाम पर औपचारिकता करने मात्र को 12 करोड़ रुपए का टेन्डर up uptron नामक संस्था को देकर 40%की रकम tender के नाम पर नीचे से ऊपर तक गटक लिया है.बड़ा सवाल यह भी है कि वर्तमान डायरेक्टर इस प्रक्रिया में बस मुकदर्शक बन गयी हैं जबकि टेंडर को अमली जामा वर्तमान डायरेक्टर ने ही पहनाया है.। इस अधिकारी की लूट के हुनर पर डायरेक्टर प्रमुख सचिव और विभागीय मंत्री बेबी रानी मौर्य और उनके राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला सभी फिदा है। पुनीत मिश्रा यह दवा खुलेआम करता है कि हमारी शिकायत मुख्यमंत्री से भी करके देख लो कोई हमारा बाल बांका नहीं कर पाएगा। पुनीत मिश्रा की बात सही लगती है करोड़ों रुपए के गबन और घोटाले के आरोप की आज तक जांच भी नहीं शुरू हो पाई जबकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी प्रदेश सरकार की छवि खराब कर रहे हैं फिर भी सभी तरह की कार्रवाई से पूरी तरह सुरक्षित हैं तो क्या इस भ्रष्ट अधिकारी का सुरक्षा कवच खुद डायरेक्टर और विभागीय मंत्री हैं इसको लेकर भी तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

कहां हुआ बड़ा खेल:

दरअसल मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत बेसहारा बच्चों के पालन पोषण हेतु खुली राजकीय संस्थाओं में ऑनलाइन मॉनीटरिंग के नाम पर पहले से ही एक संस्था think computers को 4 वर्ष पहले ही 7 करोड़ रुपए खर्च करके संस्थाओं में टीवी कंप्युटर स्क्रीन के साथ साथ cctv कैमरा net सुविधा सहित संस्थाओं/जिलों/jjc/निदेशालय में डाटा centre बनाकर दिए गए थे अभी वह चल ही रहे थे जिसमें पहले से ही maintenance के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं फिर भी लूट पाट के नियत से पुनः 12 करोड़ का टेन्डर बिना gem पोर्टल पर निविदा किए दे दिया गया है जिसमें 5 गुना ज्यादा रेट में computer स्क्रीन आदि जिलों में ,संस्थाओ मे भेजे जा रहे हैं !

क्या कहता है gem संबंधित शासनादेश:

बडा सवाल यह भी है कि gem शासनादेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि क्यों नहीं सरकारी अर्ध सरकारी निगम जैसी कार्य दायी संस्था उपलब्ध हों फिर भी सबको gem पोर्टल के माध्यम से ही टेंडर की प्रक्रिया में खुले रूप से प्रतिभाग करना होगा पर निदेशालय महिला कल्याण में नियमों को ताक पर रखकर 12 करोड़ रुपये की बर्बादी हुई है जिसके सूत्र नायक पुनीत मिश्रा जी हैं.
बड़ा सवाल यह भी है कि संस्थाओं में पहले से कार्यरत cctv की मॉनिटरिंग जब मुख्यालय में mis डाटा centre पर हो रहा है तो क्यों नहीं बुलंद सहर,अयोध्या आदि के राजकीय सम्प्रेषण गृह में बच्चों को पीट कर मार दिया गया तब ऐसे में cctvfootage की लाइव प्रसारण की मॉनिटरिंग कहा थी आए दिन पलायन की घटनाओं को देख कर mis डाटा centre द्वारा निदेशालय से की गई कार्यवाहियों का क्या किया गया?


हाल में पुनीत मिसरा जी डायरेक्टर के साथ दिल्ली गए थे वहाँ वे उनके साथ नहीं लौट कर शॉर्ट visit पर सहारनपुर मेरठ आदि जिलों में पहुच गए!चर्चा है कि वहां भी जम कर वसूली हुई है एक आला अधिकारी के नाम पर जो शासन में पदस्थ हैं!

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