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अदानी नाराज भाजपा अध्यक्ष का चुनाव टला:

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक बार फिर अगले महीने तक के लिए टाल दिया गया है। आंतरिक सूत्रों ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अदानी ने  प्रधानमंत्री से साफ-साफ कह दिया है कि भाजपा का जो अध्यक्ष हो वह उनकी पसंद का भी होना चाहिए। अदानी के इस रुख के बाद 29 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच जो समझौता हुआ था वह खटाई में पढ़ता दिखाई दे रहा है। 29 मार्च को संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच में सत्ता और संगठन का बंटवारा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात पर सहमत थे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में संघ की भूमिका हो और उन्हें 2029 तक का कार्यकाल निर्विघ्नम पूरा करने दिया जाए और सम्मानजनक विदाई हो। इसी बीच महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धारावी प्रोजेक्ट में एक ऐसा फैसला लिया जिससे गौतम अडानी नाराज हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस ने धारावी एरिया से विस्थापित लगभग 50000 लोगों को रिफाइनरी क्षेत्र में विस्थापित करने के एकनाथ शिंदे सरकार के फैसले को पलट दिया। देवेंद्र फडणवीस ने धारावी में सभी विस्थापितों को स्थाई रूप से बसाने का निर्णय लिया इसके बाद उद्योगपति गौतम अडानी खासे नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि भाजपा का नया अध्यक्ष उनकी पसंद का होना चाहिए अन्यथा वह पार्टी को खुलकर मदद नहीं करेंगे। अदानी कैसे फैसले के बाद दिल्ली और नागपुर में हड़कंप मच गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बागडोर अपने हाथ में ली और उन्होंने अपने आवास पर में राजनाथ सिंह और अमित शाह तथा बीएल संतोष ने भी हिस्सा लिया बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कब तक टालने का फरमान सुनाया जब तक की मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और गुजरात में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता उन्होंने इसके पीछे पार्टी के संविधान का हवाला दिया कि 50% से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है फिलहाल सूत्रों का दावा है कि भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में गौतम अडानी ने पेच फंसा दिया है। पहली बार ऐसा देखने में आया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में किसी उद्योगपति ने अड़ंगा लगाया है और पार्टी विवश और लाचार हो गई है। दरअसल गौतम अडानी को लगता है कि देवेंद्र फडणवीस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ताकत की वजह से ही उनको चुनौती दे रहे हैं ऐसे में अदानी को आशंका है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद का अध्यक्ष होगा तो वह दिल्ली में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की नहीं सुनेगा इसके बाद उनको व्यावसायिक रूप से और बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा इसीलिए अदानी ने भाजपा को कह दिया है कि वह पार्टी की मदद तभी करेंगे जब इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष भी उनकी पसंद का होगा। बता दें कि गौतम अडानी भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा देते हैं और संसाधन भी उपलब्ध करवाते हैं।

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