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लोक निर्माण विभाग के विभागीय अध्यक्ष के सभी प्रशासनिक अधिकार छीने गए: ट्रांसफर पोस्टिंग में धांधली को लेकर गिरी गाज

लखनऊ। लोक निर्माण विभाग के सभी मंडलीय मुख्यालय में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर मिल रही शिकायतों की जांच के बाद पीडब्ल्यूडी के विभाग अध्यक्ष अरविंद कुमार जैन पर गाज गिरी है। उनके सारे प्रशासनिक अधिकार छीन लिए गए हैं।

विभागाध्यक्ष, एके जैन ने इस मामले में रखा अपना पक्ष.

श्री जैन ने कहा, “मैंने अपना काम ईमानदारी से किया अपना काम ईमानदारी से नियमों का पालन करते हुए किया. हो सकता है कि इससे ही कुछ लोग नाराज हों. 33 साल की सेवा में मुझे एक तक नहीं मिली. अधिकार क्यों वापस लिए, इसके बारे में तो यहाँ बता सकता है, जिन्होंने यह फैसला किया.”
[04/11, 11:19] Pawan Singh लखनऊ खबर: पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष के कई अधिकार छीने गये


लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) विभागाध्यक्ष एके जैन से सड़कों की स्वीकृति और बजट आवंटन संबंधी अधिकार छीन लिए गए है। उनसे अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) और उससे ऊपर का अधिष्ठान यानी ट्रांसफर- पोस्टिंग के प्रस्ताव भेजने संबंधी काम भी ले लिया गया है। इसके पीछे की वजह गड़बड़ियों से संबंधी फीडबैक व काम की धीमी प्रगति मानी जा रही है।

इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि बजट एवं विकास कार्यक्रमों से संबंधित सभी कार्य प्रमुख अभियंता (ग्रामीण सड़क) वीके श्रीवास्तव देखेंगे। समूह क का अधिष्ठान व ग्रामीण सड़कों की मरम्मत, रखरखाव व अनुरक्षण संबंधित काम श्री श्रीवास्तव को दे दिए गए हैं। जबकि, ये सभी काम प्रमुख अभियंता, (विकास) एवं विभागाध्यक्ष के पास रखने की परंपरा रही है। इसके अलावा प्रमुख अभियंता (ग्रामीण) सड़क के पास ऑडिट व राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित सभी काम भी रहेंगे।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, 2005 में मुलायम सरकार ने तत्कालीन विभागाध्यक्ष टी. राम के बजट संबंधी अधिकार छीने थे, लेकिन अधिष्ठान तब भी उनके पास रहा था। हालांकि, कुछ दिनों बाद सरकार ने टी. राम को विभागाध्यक्ष के पद से हटा दिया था।

बताते हैं कि वित्त वर्ष के शुरुआती पहले छह माह में विशेष मरम्मत मद में सिर्फ 8 करोड़ का बजट जारी हुआ था। शिकायतें उच्चस्तर पर भी पहुंची। मंत्री जितिन प्रसाद ने सख्ती दिखाई तो अक्तूबर के अंतिम 20 दिनों में इस मद में 4 हजार करोड़ का बजट जारी हो सका। इसके बाद शासन की नजर विभागाध्यक्ष पर टेढ़ी हो गई और उनसे मुख्य माने जाने वाले काम वापस ले लिए गए।

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