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चंडीगढ़। तीसरी बार सत्ता में लौटने के लिए बीजेपी ने अपनी गोटियन लगानी शुरू कर दी है। बीजेपी को पता है कि हरियाणा में दलित और जाट दोनों उससे नाराज हैं वह छिटककर कहीं कांग्रेस के पाले में ना चले जाएं इसके लिए एक रणनीति पर काम किया गया। बीजेपी की सहमति से ही बहुजन समाज पार्टी इनेलो से हाथ मिलाने को राजी हुई। बीजेपी की रणनीति है कि बसपा और इंडियन नेशनल लोकदल का गठबंधन अगर जाट और दलित वोट को रोकने में सक्सेस हो गए तो बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में आने से कोई ताकत नहीं रोक सकती और यदि यह गठबंधन 10-15 सीट हासिल कर ले तो यह आखिरकार बीजेपी के साथ में खड़ा हो जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को विश्वास में लेकर और मंजूरी लेकर मायावती ने इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन को सहमत हुई है।
जानकारों का मानना है कि यह खेल भाजपा का है। मैदान भी भाजपा का ही है लेकिन खिलाड़ी इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी होगी इसका क्या परिणाम आएगा यह देखना दिलचस्प होगा।
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