अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

चीन ने किया बांग्लादेश में तख्तापलट:

देखता रह गया भारत:

मालदीप के बाद बांग्लादेश में भी भारत की कूटनीतिक नाकामी

ढाका। मोदी सरकार की चीन से दोस्ती अब भारत को भारी पड़ रही है। एक तरफ जहां पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन भारत की सीमा का अतिक्रमण कर रहा है वही भारत के पड़ोसी देशों में अपनी समर्थक सरकारी स्थापित कर रहा है। भारत के सभी पड़ोसी देश चीन के उपनिवेश बनते जा रहे हैं और चीन के हितों की रक्षा कर रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले मालदीप में चीन समर्थक सरकार मोइज्जु के नेतृत्व में सत्ता में आ गई। सत्ता में आते ही मालदीप से भारत को पूरी तरह बाहर कर दिया गया और चीन ने सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हिंद महासागर में अपना एक स्थाई ठिकाना बना लिया। इससे पहले श्रीलंका में भी भारत समर्थक सरकार को अब्दस्त करके चीन ने अपनी कठपुतली सरकार बना ली और भारत से सभी प्रकार के व्यावसायिक प्रोजेक्ट को छीन लिया। भारत एक अन्य पड़ोसी राष्ट्र म्यांमार में भी चीन समर्थक सरकार है और वहां से भी भारत विरोधी षड्यंत्र चलता रहता है। चीन को बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार काफी समय से खटक रही थी क्योंकि शेख हसीना का भारत के साथ भावनात्मक और पारिवारिक रिश्ता था ऐसे में चीन ने षड्यंत्र करके वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी जमाते इस्लामी और बांग्लादेशी नेशनल पार्टी के नेताओं और सेना के जरिए सत्ता पलट कर दिया ऐसे में पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित बांग्लादेश जो भारत का विश्वसनीय मित्र हुआ करता था अब पूरी तरह चीन की गोद में जाकर बैठ गया है। नेपाल में भी चीन का पूरा प्रभाव है और भारत का असरलेश मात्रा भी नहीं है।

भारत की कूटनीतिक असफलता

विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित बांग्लादेश में भारतीय दूतावास की यह घनघोर असफलता है कि इतने बड़े घटनाक्रम के निष्कर्ष से अनजान रहे। भारतीय खुफिया एजेंसियां चीन के षड्यंत्र को भापने में विफल रही। भारतीय खुफिया रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की यह फेलियर है कि उन्होंने समय रहते बांग्लादेश सरकार को खास तौर पर शेख हसीना को इस खतरे से आगाह नहीं किया था और ना ही इस खतरे से निपटने में किसी प्रकार की कोई मदद की जिसका खामियाजा आज शेख हसीना और भारत दोनों को भुगतना पड़ रहा है।

About Author