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स्वच्छता मिशन के फंड में करोड़ों का घोटाला:

बेचा जा रहा है पंचायत अधिकारियों का क्लस्टर:

प्रतापगढ़। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। बताया जा रहा है कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम कागज पर चलाए जा रहा है। डीपीआरओ के एक नजदीकी फर्म को नियम कानून ताक पर रखकर करोड़ों का काम दिया गया है। विभाग द्वारा जो भी जागरूकता कार्यक्रम प्रदर्शनी और मेल प्रशिक्षण आदि का कार्यक्रम होता है वह एक ही फर्म  को मिलता है। वॉल राइटिंग और अन्य कार्यक्रम जो स्वच्छ भारत मिशन के तहत होते हैं ऐसे कार्य आदेश में किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीं है। जिस काम के लिए ई टेंडर होना चाहिए वह सारे काम कोटेशन पर कराए गए। जानकारों का मानना है कि यदि स्वच्छ भारत मिशन फंड की उच्च स्तरीय जांच होगी तो करोड़ों का घपला सामने आ सकता है।

जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में क्लस्टर बिक्री की चर्चा है। बताया जा रहा है कि 5 से 10 ग्राम पंचायत का क्लस्टर 10 लख रुपए तक बिक रहा है। क्लस्टरों के आवंटन का काम देख रहे दिवाकर शुक्ला का 10 वर्षों से पटल परिवर्तन नहीं किया गया। इन पर ही यह आरोप है कि डीपीआरओ के लिए यह वसूली करते हैं। आप में दम इसलिए है क्योंकि कोई भी डीपीआरओ इनका पटल परिवर्तन नहीं करता जबकि नियम है कि 3 वर्ष पर पटल परिवर्तन कर दिया जाना चाहिए। कंटीन्जेंसीज के मद में  बड़ा घोटाला किया गया है। इस फंड में लाखों रुपए की बंदर बांट कर लिया गया।

तिरंगा खरीद में भी घपला:

जानकारी मिली है कि तिरंगा खरीद में भी बड़ा घोटाला हुआ है। तिरंगे की खरीद महिला स्वयं सहायता समूह से करना था लेकिन ऐसा ना करके डीपीआरओ द्वारा अपने किसी नजदीकी संस्था से खरीद कराई गई।

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