
लखनऊ। एक तरफ प्रमुख सचिव हरियाणा पंजाब राजस्थान और उत्तराखंड की शराब की उत्तर प्रदेश में तस्करी से बेहद नाराज हैं और गाजियाबाद के सहायक आबकारी आयुक्त पर एक्शन लेने की बात कह रही हैं वहीं डिप्टी मेरठ राकेश सिंह संजय सिंह के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। ताजा तस्वीरें गाजियाबाद की है जहां सहायक आपकारी आयुक्त कार्यालय में डिप्टी मेरठ राकेश सिंह भी पहुंचे हैं। इस मीटिंग में राकेश सिंह काली शर्ट में और संजय कुमार प्रथम जो इसी कार्यालय में लगे हुए अधिकारियों के तैनाती वाले नेम पट्टिका पर केवल संजय सिंह दर्शा रहे हैं, उन्हें देखा जा सकता है कि वह भी डिप्टी कार्मिक के बगल बिना वर्दी बैठे हैं और साथ में वहां जो भी इंस्पेक्टर हैं वह सभी भी बिना वर्दी के हैं। सर्विस नियमावली के अनुसार यह घोर अनुशासनहीनता है लेकिन जब उच्च अधिकारी ही आदेशों का पालन नहीं कर रहे तो इंस्पेक्टर या सिपाही दीवान से क्या उम्मीद की जा सकती है।
बता दे कि बीते मंगलवार को प्रमुख सचिव ने शराब तस्करी रोक पाने में विफल रहने तथा शराब माफियाओं की मदद करने जैसे गंभीर मामले में सहायक आबकारी आयुक्त गाजियाबाद संजय कुमार सिंह प्रथम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उस वर्चुअल मीटिंग में स्वयं डिप्टी एक्साइज कमिश्नर मेरठ राकेश सिंह भी मौजूद थे बावजूद इसके संजय कुमार सिंह को अपना सपोर्ट देने के लिए डिप्टी राकेश सिंह गाजियाबाद पहुंचे और बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों के बीच गोपनी मीटिंग में हुई इस मीटिंग में डिप्टी राकेश सिंह और सहायक आबकारी आयुक्त के बीच कुछ डील हुई है ऐसी चर्चा है।
दीप्ति राकेश सिंह का गाजियाबाद में क्यों है इंटरेस्ट
सूत्रों का कहना है कि डिप्टी राकेश सिंह का गाजियाबाद से खास लगाव है इसका कारण यह है कि जब वह सहायक आपकारी आयुक्त गाजियाबाद थे तो उस समय वहां के कई बड़े शराब माफियाओं से उनके नजदीकी संबंध थे और वह सभी शराब तस्कर हरियाणा और पंजाब के थे जो गाजियाबाद में धड़ले से शराब तस्करी करते थे। कुछ लोगों ने तो यह भी चर्चा की है कि व्यापारिक संबंध भी थे सच्चाई जो भी हो यदि पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच हो तो स्थिति साफ हो सकती है।
फिलहाल डिप्टी एक्साइज कमिश्नर मेरठ और सहायक आबकारी आयुक्त गाजियाबाद की ट्यूनिंग यह बताती है कि तस्करी के खेल में अकेले सहायक आबकारी आयुक्त ही शामिल नहीं है बल्कि उन्हें समर्थन भी हासिल है।
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