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आबकारी विभाग में एक्साइज ड्यूटी घोटाला: जैनेंद्र उपाध्याय की गैंग में कितने नटवरलाल: टपरी से निकलने वाली अवैध शराब की हर पेटी पर ₹60 होती थी वसूली:

लखनऊ। सहारनपुर के टापरी में अवैध शराब के उत्पादन और भंडारण का तार जैनेंद्र उपाध्याय के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच रहा है। बताया जा रहा है कि टपरी की सहकारी शराब फैक्ट्री से प्रतिदिन 2000 पेटी से ज्यादा अवैध शराब का उत्पादन भंडारण और बिक्री हो रहा था। हर पेटी पर साठ रुपए की दर से तत्कालीन कमिश्नर पी गुरु प्रसाद और उसके बाद सेंथिल पांडियन सी के नाम पर वसूली होती रही। इसी तरह जैनेंद्र उपाध्याय और तत्कालीन जॉइंट धीरज सिंह पर भी वसूली का आरोप लगाता रहा।

संजय भूस रेड्डी भी सवालों के घेरे में:

करोड़ों रुपए के राजस्व चोरी मामले में संजय भूस रेड्डी भी सवालों के घेरे में है। कहां जा रहा है की टपरी में अवैध शराब का उत्पादन और भंडारण उनकी जानकारी में हो रहा था। लगभग 20 लख रुपए प्रतिदिन का राजस्व चोरी होने का अनुमान है। क्या चोरी 1 वर्ष से अधिक समय तक होती रही। जब टपरी कांड का खुलासा हुआ तो संजय भूस रेड्डी ने तत्कालीन पर्यवेक्षक अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में स्वयं अपनी जवाब दे ही नहीं तय किया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जैनेंद्र उपाध्याय ने इस मामले में अपने को बचाने के लिए प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी को वृंदावन आवास योजना में करोड़ों का एक फ्लैट दिया।

आगरा में जैनेंद्र उपाध्याय के डिप्टी रहने के दौरान हुआ जहरीली शराब कांड

कहां जा रहा है कि टपरी कांड के दौरान ही जैनेंद्र उपाध्याय संजय भूस रेड्डी के करीब आए थे और इतने करीब आ गए थे कि आगरा में जहरीली शराब कांड में जैनेंद्र उपाध्याय को बिल्कुल क्लीन चिट मिल गई।

इस पूरे खेल में ट्रैक और ट्रैक सिस्टम कैसे ध्वस्त किया गया था और इस खेल में इस समय संविदा पर कार्यरत तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव की क्या भूमिका थी इस पर अगले अंक में विस्तार से पढ़ने को मिलेगा। ऐसे ही तमाम खबरों को पढ़ने के लिए अवध भूमि न्यूज़ वेबसाइट को सब्सक्राइब करना ना भूले।

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