
लखनऊ । आबकारी विभाग के इतिहास में पहली बार राजस्व आंकड़े ने 50000 करोड़ को पार कर लिया। लॉटरी के माध्यम से पहली बार शराब माफियाओं का खेल खत्म हुआ। और तीन वर्ष बीत जाने के बाद किसी तरह की जहरीली शराब की कोई बड़ी वारदात सामने नहीं आई। यह ऐसी तमाम उपलब्धियां है जो आबकारी मंत्री के रूप में नितिन अग्रवाल को गौरवान्वित कर सकती हैं। आज आबकारी मंत्री ने प्रेस वार्ता की और विभाग की तमाम उपलब्धियां मीडिया के सामने रखी।
मंत्री नितिन अग्रवाल की प्रेस वार्ता की खास बातें:
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा-
●फाइनेंशियल ईयर 2024 25 की समाप्ति हुई हो गई है.
●आबकारी विभाग राजस्व देने में एक अहम भूमिका निभा रहा है.
●टेक्नोलॉजी से राजस्व की लगातार विभाग में बढ़ोतरी हो रही है.
●2017 तक 14000 करोड रूपए राजसव था.
◆2024-25 फाइनेंशियल ईयर में 52,297 करोड़ का राजस्व आया.
●उत्तर प्रदेश में जहां शीरा का उत्पादन हो चाहे एथेनॉल का उत्पादन हो सबसे ज्यादा उत्पादन यूपी में हो रहा है.
●2023 24 में 527 लाख कुंतल शीरा का उत्पादन हुआ था.
●176 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ.
●200 करोड़ लीटर तक एथेनॉल का उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
●शराब की दुकानों की लॉटरी का दूसरा चरण समाप्त हो चुका है.
●आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू.
●फाइनेंशियल ईयर 2024 25 की समाप्ति हुई हो गई है.
●आबकारी विभाग राजस्व देने में एक अहम भूमिका निभा रहा है.
●टेक्नोलॉजी से राजस्व की लगातार विभाग में बढ़ोतरी हो रही है.
●2017 तक 14000 करोड रूपए राजसव था.
●2024-25 फाइनेंशियल ईयर में 52,297 करोड़ का राजस्व आया.
●उत्तर प्रदेश में जहां शीरा का उत्पादन हो चाहे एथेनॉल का उत्पादन हो सबसे ज्यादा उत्पादन यूपी में हो रहा है.
●2023 24 में 527 लाख कुंतल शीरा का उत्पादन हुआ था.
●176 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ.
●200 करोड़ लीटर तक एथेनॉल का उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
●शराब की दुकानों की लॉटरी का दूसरा चरण समाप्त हो चुका है.
●यूपी में पिछले 3 सालों में जहरीली शराब की कोई घटनाएं नहीं हुई.
●हमने प्रवर्तन की कार्यवाही को मजबूत किया है.
●उत्तर प्रदेश में 112279 प्रवर्तन अभियोग पंजीकृत किए गए हैं…
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की प्रेसवार्ता-
●विभाग की कार्य प्रणाली में सुधार एवं कर चोरी रोकने हेतु कार्यवाही.
●सीसीटीवी कैमरा एवं इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल से इंटीग्रेशन.
●मदिरा एवं स्प्रिट टैंकरों में डिजिटल लॉकिंग व्यवस्था.
●जीपीएस युक्त वाहनों से ही मदिरा का परिवहन होगा.
●डिस्टलरीज में डिजिटल अल्कोहल मीटर का उपयोग.
●मास फ्लो मीटर, रडार बेस्ड लेवल सेंटर एवं बॉटलिंग सेंटर होंगे.
●आबकरी लाइसेंस्ड परिसरों की जियो फेसिंग होगी.
●बोतलों एवं पेटियों पर हाई सिक्योरिटी बार कोड, QR CODE होगा
●प्रदेश में अवैध मदिरा निर्माण बिक्री पर पूरी तरह रोक लगेगी…
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