लखनऊ। प्रमुख सचिव आबकारी वीणा कुमारी मीणा अब रबर स्टैंप बनकर रह गई है ना तो उनकी परवाह कमिश्नर को है और ना ही उनका विशेष सचिव उनकी बात सुनता है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि वह विभाग के कोई भी अहम फैसला नहीं ले पा रही हैं। दंडात्मक कार्रवाई में जो भी उन्हें न्यायिक शक्तियां मिली है उनका दुरुपयोग हो रहा है और पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी अब भी विभाग के सारे बड़े फैसले कर रहे हैं। कहां जा रहा है कि उनके कार्यकाल में जिन अधिकारियों को दंडित किया गया था मैडम उन्हें मामूली दंड देकर बहाल करना चाहती थी लेकिन पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूष रेड्डी के दबाव में उन्होंने जॉइंट कमिश्नर रवि शंकर पाठक सहायक आबकारी आयुक्त धीरज शर्मा के अलावा राजेश्वर मौर्य सहित कुल 5 आबकारी अधिकारियों को मूल वेतन पर ला दिया गया है इन अधिकारियों की संजय भूस रेड्डी से निजी अदावत है।
मनमानी करवाई की पूरे विभाग में चर्चा है।
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