जॉइंट एक्साइज कमिश्नर प्रवर्तन और जॉइंट एक्साइज कमिश्नर मुख्यालय समेत कई वरिष्ठ अधिकारी सवालों के घेरे में
प्रयागराज। टपरी शराब कांड का जिन्न बोतल से बाहर फिर निकलने वाला है। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि टापरी में तैनात रहे सहायक आबकारी आयुक्त राजकुमार की याचिका पर शासन ने जांच बरेली के कमिश्नर को सौंप दिया है। बरेली में कमिश्नर में पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त जिन्हें इस घटना में दोषी पाते हुए विभागीय कार्रवाई की गई थी का बयान दर्ज किया है। कहा जा रहा है कि पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त ने टापरी में जितने भी गेट पास जारी हुए सबके जांच की मांग की है। पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त के बयान के आधार पर कहा जा रहा है कि शासन ने टापरी में किस पोर्टल से कितने गेट पास जारी हुए उसको लेकर विवरण मांगा है इसके बाद आबकारी आयुक्त मुख्यालय में तनाव देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग के जरिए पोर्टल समेत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व संयुक्त आबकारी आयुक्त लाइसेंस और टास्क फोर्स हरिश्चंद्र श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कहां जा रहा है कि इनके द्वारा जो डमी पोर्टल मैटर के रूप में विभाग में अवैध रूप से चलाया जा रहा था अधिकांश गेट पास और बारकोड तथा इंडेंट इस पोर्टल पर लगाए जा रहे थे। शराब फैक्ट्री में लगातार एक गेट पास पर दो निकासी हो रही थी और वहां किसी तरह के निरीक्षक और सहायक आबकारी आयुक्त की तैनाती नहीं हुई थी। यह खेल लगभग 2 साल तक चलता रहा और उन्नाव बदायूं सहारनपुर जौनपुर बाराबंकी समेत कई जिलों में बड़ी मात्रा में अवैध रूप से शराब का भंडारण और विक्रय हुआ जिसे जहां आबकारी विभाग को कम से कम 100 करोड़ के राजस्व की क्षति हुई वहीं अधिकारियों ने भी अपनी तिजोरिया भरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बताया जा रहा है कि वर्तमान में जॉइंट मुख्यालय दिलीप मणि त्रिपाठी जो की टपरी शराब कांड के समय बनारस के डिप्टी कमिश्नर थे उनके डिवीजन में जौनपुर में बड़ी मात्रा में टपरी की शराब पकड़ी गई थी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब उन्हें विभाग ने प्रोन्नति देकर जॉइंट कमिश्नर मुख्यालय बना दिया है। इसी तरह वर्तमान में जॉइंट एक्साइज कमिश्नर प्रवर्तन जैनेंद्र उपाध्याय जो कि लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर रहे उनके डिवीजन में उन्नाव में कम से कम 50 करोड रुपए की शराब विकी और बड़ी मात्रा में बरामद भी हुई। इनको लेकर भी जांच अभी चल रही है इनका रिटायरमेंट नवंबर में बताया जा रहा है अब देखना होगा कि जांच लंबित रहते हुए इन्हें विभाग कैसे रिटायर कर पाएगा।
सारे खेल में मैटर शामिल
पूर्व एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव द्वारा रचित मेंटर पोर्टल के जरिए शराब कंपनी और अधिकारियों ने रातों-रात अरबो रुपए की कमाई की सरकार को राजस्व का चूना लगाया लेकिन विभाग ने टपरी कांड के जिम्मेदार रहे हरिश्चंद्र श्रीवास्तव को बाइज्जत रिटायर न केवल कर दिया बल्कि आउटसोर्सिंग के जरिए फिर से इनको विभाग में पोर्टल की ही जिम्मेदारी दी गई है। या जिम्मेदारी किसी और ने नहीं बल्कि वर्तमान कमिश्नर और तथाकथित ईमानदार जिनकी ईमानदारी की चर्चा लोकायुक्त ने की है उन्होंने दिया है। फिलहाल नए सिरे से जांच शुरू होने पर जिम्मेदार अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
किसके इशारे पर दबाया गया शासन का भेजा पत्र:
टपरी कांड में 8 सितंबर 2023 को पर्यवेक्षक अधिकारियों के दायित्व के संबंध में शासन की ओर से एक पत्र विशेष संदेश वाहक के जरिए मुख्यालय में भेजा गया जो दबा लिया गया है। यह पत्र वर्तमान आबकारी आयुक्त के संज्ञान में है लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई गंभीरता नहीं दिखाई और ना ही इस पत्र के बाबत लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारियों से जवाब तलब भी नहीं किया। कहां जा रहा है कि इस प्रकरण में दोषी पाए जाने वाले अधिकारी वर्तमान में आबकारी आयुक्त के बहुत ही खास और नजदीकी है। इस मामले में सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक मुबारक अली के साथ-साथ वर्तमान में डिप्टी कार्मिक राजेंद्र प्रसाद की भी भूमिका सवालों के घेरे में हैO।
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