अवधभूमि

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सज गई ट्रांसफर की दुकान:

सक्रिय हो गए कमिश्नर के वसूली एजेंट:

लखनऊ। ट्रांसफर पॉलिसी घोषित होते ही आबकारी मुख्यालय में ट्रांसफर की दुकानें सज गई। कमिश्नर और प्रमुख सचिव के नाम पर वसूली करने वाले एजेंट भी सक्रिय हो गए। दावा किया जा रहा है कि इस बार ट्रांसफर मानव संपदा पोर्टल से नहीं होगा बल्कि कमिश्नर की कृपा से होगा। यह भी दावा किया जा रहा है कि 32 वर्षों से कार्मिक में तैनात राजकुमार यादव करीब 10 वर्षों से तैनात प्रसेन रॉय  शैलेंद्र तिवारी और प्राविधिक में अवैध रूप से तैनात संदीप मोडवेल 15 वर्ष से लखनऊ की लैब में तैनात अनिल वर्मा और करीब 9 वर्ष से प्रयागराज लैब में तैनात दीपक रस्तोगी का ट्रांसफर नहीं होगा।

आबकारी निरीक्षक प्रसेन रॉय  राजकुमार यादव शैलेंद्र तिवारी और विभागीय मंत्री नितिन अग्रवाल के आदेश के बावजूद कमिश्नर की गाड़ी में घूमने वाले मुबारक अली ने वसूली शुरू कर दी है इस बात की चर्चा है। अच्छी सेक्टर सर्कल में पोस्टिंग के लिए 5 से 10 लख रुपए तक का रेट चलने की चर्चा है। लखनऊ इलाहाबाद बाराबंकी वाराणसी गाजियाबाद मेरठ आगरा अलीगढ़ सहारनपुर जैसे जनपदों में यह रेट कुछ ज्यादा ही है। यह भी जानकारी मिली है कि कमिश्नर ने सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर प्रोन्नत हुए  निरंकार नाथ पांडे को किसी अच्छे जनपद में सहायक आबकारी आयुक्त बनाने या अच्छी डिस्टलरी में पोस्टिंग का वादा किया है और इसके लिए तागड़ी सौदेबाजी हो गई है। डिप्टी देवीपाटन मंडल आलोक कुमार और डिप्टी मेरठ राकेश सिंह अपने डिवीजन में अपने नजदीकी आबकारी निरीक्षकों की मनचाही पोस्टिंग के लिए सक्रिय हो गए हैं।

मुख्यालय में जो चर्चा सुनने में आ रही है उसके मुताबिक डिस्टलरी और जिलों में पोस्टिंग के लिए वसूली अभियान चल रहा है। अगर चर्चा पर यकीन करें तो कहां जा रहा है कि करोड़ों रुपए की वसूली हो चुकी है। और यह वसूली पूरे ट्रांसफर सीजन होने की संभावना है।

वसूली की बात में दम इसलिए दिखाई दे रहा है क्योंकि कार्मिक विभाग में तमाम लोगों को जाने से रोका गया है और कहा जा रहा है कि वहां पर प्रसेन रॉय  राजकुमार यादव शैलेंद्र तिवारी मुबारक अली और डिप्टी कार्मिक कुमार प्रभात चंद ट्रांसफर की दुकान चला रहे हैं इसीलिए कार्मिक में  सामान्य आवाज जाहिर पर रोक लगा दी गई है। कुछ लोग तो नाम न छापने की शर्त पर यहां तक चर्चा कर रहे हैं कि जिनके नाम वसूली में आ रहा है अगर उनके आवास पर अचानक छापेमारी हो तो भारी मात्रा में नगदी भी बरामद हो सकती है।

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