
लखनऊ। विभागीय मंत्री प्रमुख सचिव और एडिशनल कमिश्नर मैं इस बार विभाग के ट्रांसफर उद्योग को गहरा आघात पहुंचा दिया है। निरीक्षकों की ऑनलाइन और मेरीट बेस्ड ट्रांसफर से आबकारी आयुक्त के करीबी लोगों को गहरी निराशा हुई है। इस बार ट्रांसफर में आबकारी आयुक्त के कई नजदीकी अधिकारियों पर गाज गिरी है जिसमें सबसे बड़ा नाम सहायक आबकारी आयुक्त मुबारक अली का है जो कमिश्नर के साथ ही चला रहा और उनकी तरफ से कमिश्नर के व्यक्तिगत सुनवाई प्रकरण की सुनवाई करता रहा उसे बड़ा झटका लगा और लखनऊ से करीब 400 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी फेंक दिया गया इसी तरह 32 वर्षों से तैनात राजकुमार यादव जिसकी तमाम शिकायतों के बावजूद कमिश्नर अनदेखी करते रहे वह भी ट्रांसफर के प्रकोप से नहीं बच पाया और उसे मुख्यालय से दूर बांदा में ट्रांसफर कर दिया गया। आबकारी आयुक्त को सबसे बड़ा झटका लैब में लगा है जहां उनके नजदीकी और नियम के विपरीत 15 वर्षों से तैनात अनिल वर्मा को हटा दिया गया है। बता दे कि इन सभी प्रकरण में अवध भूमि न्यूज ने प्रमुखता से खबर चलाई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी मुख्यालय में सालों से जमे कई और इंस्पेक्टर क्लर्क सिपाही आज की ट्रांसफर लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। सबसे बड़ा सवाल अभी भी मुख्यालय के कार्मिक में 15 वर्षों से तैनात निरीक्षक प्रसेन राय का बना हुआ है।प्रसेन पर गंभीर आरोप है कि तमाम लोगो की वार्षिक प्रविष्टि को बाधित कर रखा है यह संबंधित पत्रावली गायब कर अवैध वसूली करता है।
फिलहाल ऐसा लग रहा है कि इस बार तबादला एक्सप्रेस से कोई बचाने वाला नहीं है।
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