
प्रतापगढ़। किडनी चोरी का आरोप किसी भी दृष्टिकोड़ से सही प्रतीत नही लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि महिला को मोहरा बना कर डॉक्टर से वसूली व बदनाम करने की साजिश रची गयी है।महिला के आरोप पर पिछले 24 घंटे से इस प्रकरण को लेकर मेरे द्वारा स्पेस्लिस्टो के साथ गहन जांच पड़ताल की गई जिसमें दो बात निकल कर सामने आई।पहली यह कि महिला को मोहरा बना कर डॉक्टर से धन उगाही,दूसरा डॉक्टर को बदनाम करना समझ मे आ रहा है।महिला ने जिस मन गढ़ंत कहानी का उल्लेख करके तहरीर दिया वह किसी भी पहलू पर सही नजर नहीं आ रही है।महिला ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि बेटे के पेट मे दर्द होने पर उसका अहमदाबाद में अल्ट्रासाउंड कराया गया था।अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में स्पस्ट उल्लेख किया गया है कि उसकी किडनी पेपर के समान पतली हो गयी है।इसी से मिलती जुलती अन्य रिपोर्ट में भी किडनी के बारे में उल्लेख किया गया है।लगभग एक वर्ष पहले महिला ने अपने एक महिला रिस्तेदार के माध्यम से डॉक्टर के पास आकर बेटे के पेट की पथरी का ऑपरेशन कराई थी।अब वह महिला किसी के बहकावे में आकर डॉक्टर पर किडनी निकालने का आरोप लगा रही है।किडनी ट्रांसप्लांट के सम्बंध में मेरी टीम ने कई सर्जनों से वार्ता किया।सर्जनों ने मुझे व मेरे टीम को जो जानकारी दी।उसके मुताविक प्रतापगढ़ जनपद के किसी भी नर्सिंग होम,अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की अभी सुबिधा नही है।दूसरी बात किडनी निकाल कर रखी नही जा सकती।किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है।जिसे किडनी लगवाना रहता है और जो देता है,दोनों की विधिवत जांच होती है।मैच खाने के बाद ही ट्रांसप्लांट सम्भव है।वह भी प्रतापगढ़ जैसे छोटे शहर में कदापि सम्भव नही है।इन सब तथ्यो से यह स्पस्ट होता है कि डॉक्टर पर दबाव बना कर धन उगाही व बदनाम करने की साजिश रची गयी है।
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