
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने काश कांड पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि मेरे घर में पैसे नहीं थे पैसे लाकर रख गए मुझे फसाने के लिए। उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पत्नी घर से बाहर थे तभी अचानक आग लगती है और मेरी बेटी और मेरे निजी सहायक ने अग्निशमन को सूचित किया। अग्निशमन के अधिकारियों ने मेरे परिवार को सुरक्षा की दृष्टि से घर से बाहर जाने को कहा। इसके बाद वह लोग घर में घुसे और उसके बाद नोटों का बंडल मिलने और नोट जलने की जानकारी मीडिया पर वायरल होने लगी। जो नोट और नोटों का बंडल जलता हुआ दिखाया जा रहा है उससे मेरा या मेरे परिवार का कोई संबंध नहीं है। जस्टिस यशवंत वर्मा के बयान के बाद यह मामला पूरी तरह उलझ गया है और अब दिल्ली प्रशासन और सरकार भी सवालों के घेरे में है।
More Stories
मऊ में पकड़ा गया 3 करोड़ का गांजा:
डिप्टी सीएम और भाजपा नेता की केमिस्ट्री में छिपी है 2027 की रणनीति;
बीयर और अंग्रेजी की बिक्री घटी: