एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया आबकारी पॉलिसी में परिवर्तन:
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी दिल्ली जैसा शराब घोटाला होने की आहट है। सीतापुर की एक शराब कंपनी रेडिको फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में ही परिवर्तन कर दिया गया है जिसकी वजह से कई तमाम छोटी शराब कंपनियों बंद होने के कगार पर आ गई है। मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी के वित्तीय वर्ष 2023 और 20 24 में यह प्रावधान किया गया था कि यूपीएमएल यानी मिलेट्स से तैयार होने वाली शराब केवल 42.8 डिग्री में होगी और वह केवल ग्लास बोतल में ही पैक होगी। इसके पीछे शराब की क्वालिटी और क्वांटिटी को मेंटेन करने की मनसा थी। लेकिन आबकारी विभाग के कुछ बड़े अधिकारियों ने आबकारी नीति का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए अनुचित लाभ लेकर एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सभी जिलों में सर्कुलर जारी कर दिया है कि 36 डिग्री में केवल यूपीएमएल की शराब बिकेगी। विभाग के अधिकारियों के इस सर्कुलर से दर्जनों की संख्या में वही डिस्टलरी प्रभावित हो गई हैं जो मोलासेस से 36 डिग्री का टेट्रा पैक तैयार करती हैं। मनमाने ढंग से अभी तक रायबरेली गोंडा बांदा बाराबंकी और हरदोई जनपद में यह सर्कुलर जारी हो चुके हैं। लखनऊ और इलाहाबाद में भी 36 डिग्री में केवल यूपी मिलेट्स का ही टेट्रा पैक उपलब्ध है। यह सब एक बड़ी साजिश के तहत किया गया है। अगर यहां आग प्रभावी हो गया तो रेडिको ग्रुप का उन जनपदों में एकाधिकार हो जाएगा जहां मोलासेस से बनने वाली 36 डिग्री शराब का प्रभुत्व था। पीने वाले आदमी 36 डिग्री में मिलेट्स की शराब के बजाय मोलासेस की शराब को ही पसंद करते हैं। मोलासेस से बनने वाली 36 डिग्री की शराब का टेट्रा पैक जहां केवल ₹70 का है वही मिलेट्स से बनने वाली शराब 75 रुपए की है। बताया जा रहा है कि रेडिको ब्रांड के अनाज से बने 36 डिग्री के हर पव्वे पर कमिश्नर और इंस्पेक्टर तक का कमीशन तय है।
शीरे से बनने वाली 36 डिग्री की शराब दुकान पर बिकने से रोकने के लिए रेडी को ग्रुप और आबकारी अधिकारियों के बीच हुई डील:
भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि कमिश्नर आदर्श सिंह और रेडिको के अधिकारियों के बीच सीतापुर में एक डील हुई थी। इस डील में यह तय हुआ था कि शीरे से बनने वाली 36 डिग्री की शराब दुकानों पर नहीं बिकेगी। बदले में कुछ अधिकारियों को फ्लैट और कीमती भूखंड का भी ऑफर दिया गया था हालांकि अवध भूमि न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता। लेकिन यह अपने आप में हैरान करने वाली बात है कि आबकारी नीति का उल्लंघन करते हुए और एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों द्वारा शीरे से बनने वाली 36 डिग्री की शराब को दुकान पर बिकने से जबरन रोका जा रहा है। और बाकायदा सर्कुलर जारी किया जा रहा है। इससे एक बड़े घोटाले का अंदेशा सामने आ रहा है।
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