नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर में ₹200 की कटौती कर भले ही आम लोगों को राहत पहुंचाने की बात कह रही है लेकिन आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं।
मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले 2014 में एलपीजी का दाम अपने उच्चतम स्तर पर था। साऊदी अरामको LPG दाम: Jan 2014 में $1010/MT था और उसे समय लोगों को घरेलू गैस सिलेंडर लगभग ₹400 की मिल रही थी जबकि अगर एलपीजी सिलेंडर के दाम की तुलना Jan 2023 से करें तो इस समय पूरी दुनिया में एलपीजी का दाम जनवरी 2014 की तुलना में लगभग आधा यानी $590/MT हो गया लेकिन सरकार ने उपभोक्ताओं के दाम में कोई कटौती नहीं की। इतना ही नहीं जून 2023 में एलजी का दाम अब तक के सबसे निचले स्तर पर यानी $400/MT हो गया फिर भी केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी। इसी तरह जुलाई 2023 में एलजी का दाम सस्ता ही रहा और उसका मूल्य $450/MT हुआ फिर भी सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई।
इंडिया गठबंधन के दबाव में केंद्र सरकार:
केंद्र सरकार के खिलाफ नवगठित इंडिया गठबंधन ने जब एलपीजी सिलेंडर डीजल पेट्रोल के दाम महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाने का निश्चय किया तो केंद्र सरकार भारी दबाव में आ गई और माना जा रहा है कि रसोई गैस के दाम में कटौती इसी का नतीजा है। जानकार मानते हैं कि चुनाव के बाद या दम फिर ऊपर जाएंगे और इसकी भारी भरकम रिकवरी की जाएगी।
इस बीच कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्री नेत्र ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है उन्होंने कहा कि लोगों की जेब से 30 लाख करोड रुपए लूटने के बाद चुनाव में पराजय के डर से लोगों को यह राहत मिली है और इसका श्रेय इंडिया गठबंधन को जाना चाहिए। सुप्रिया श्री नेत्र ने तंज करते हुए कहा कि हम और डराएंगे और लोगों को और ज्यादा राहत मिलेगी।
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