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प्रधानमंत्री की बढ़ सकती है मुश्किल:

भाजपा के संसदीय दल में बगावत के संकेत:

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल से चुनौती मिलने के संकेत मिल रहे हैं। जोरदार चर्चा है कि भाजपा के 200 से अधिक सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75 वर्ष की उम्र पूर्ण होने से पहले ही संसदीय दल की बैठक बुलाई जाने की मांग रख दी है। यह भी कहा जा रहा है कि 220 सांसदों ने कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा से संसदीय दल की बैठक बुलाई जाने की मांग की है। इतनी बड़ी मात्रा में सांसदों द्वारा संसदीय दल की बैठक बुलाई जाने की मांग से हड़कंप मचा हुआ है। यहां यह बताना जरूरी है कि एनडीए की बैठक में भले ही प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का चयन किया गया है लेकिन संसदीय दल की बैठक में उन्हें भाजपा संसदीय दल का नेता अभी तक नहीं घोषित किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी इसी वजह से अटका हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नजदीकी नेता यह मानते हैं कि यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष उनकी पसंद का ना बना तो नया राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसदी दल की बैठक बुला सकता है और उसमें प्रधानमंत्री के पद का फैसला भी कर सकता है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नजदीकी किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी पसंद का ही चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मनसा को देखते हुए संघ के इशारे पर कई सांसदों ने जिनकी संख्या 200 के पर बताई जा रही है संसदीय दल की बैठक बुलाने के पक्ष में है। यह भी कहा गया है कि जेपी नड्डा को दो टूक कह दिया गया है और उन्हें एक हफ्ते का समय दिया गया है। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी में अंदरूनी घमासान अगले सप्ताह चरम पर पहुंचने की उम्मीद है। यह भी जानकारी मिली है कि 14 जून तक अगर भारतीय जनता पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाती है तो संसदीय दल में भी उथल-पुथल शुरू हो सकती है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के अध्यक्षों का चुनाव भी इसी अवधि में घोषित होना है।

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