
लखनऊ। ट्रांसफर सीजन में आबकारी विभाग में समूह क ख ग और घ के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए कार्मिक विभाग में दुकान खुल जाने की चर्चा है। सेक्टर सर्कल में इंस्पेक्टर की पोस्टिंग के लिए 5 से 15 लख रुपए की बोली चर्चा में है जबकि जिले में सहायक आबकारी आयुक्त की पोस्टिंग के लिए अलग-अलग जिलों के हिसाब से रेट तय है। चर्चा पर ध्यान दिया जाए तो गाजियाबाद नोएडा बुलंदशहर अलीगढ़ मेरठ बरेली मुरादाबाद जैसे जिलों में 25 से 45 लाख तक की बोली लग रही है जबकि अन्य जनपदों में भी 30 लाख से नीचे बोली नहीं लग रही है। कमिश्नर के नाम पर वसूली का दावा करने वाले लोग बता रहे हैं कि रकम प्रयागराज के एक गोदाम मलिक के पास जमा की जा रही है। कहां जा रहा है कि पूर्वांचल और पश्चिम उत्तर प्रदेश के तमाम सर्कल में मनचाही पोस्टिंग के लिए पैसा इसी गोदाम में जमा हो रहा है। गोदाम मालिक कमिश्नर का खास बताया जा रहा है। इसी तरह सहायक आबकारी आयुक्त और डिप्टी की पोस्टिंग के लिए कुछ बड़े शराब माफिया के गोदाम में पैसा जमा हो रहा है। यह गोदाम कमिश्नर और प्रमुख सचिव के नाम पर वसूली कर रहे हैं। चर्चा पर यकीन करें तो कार्मिक विभाग उन्ही इंस्पेक्टर का सर्कल में ट्रांसफर प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं जिनका ग्रीन सिग्नल चिन्हित गोदाम मालिकों की ओर से आ रहा है। पंजाबी चर्चा है कि इस समय बिना किसी मूल पोस्टिंग के कमिश्नर के साथ चल रहे सहायक आबकारी आयुक्त मुबारक अली कार्मिक में तैनात आबकारी निरीक्षक प्रसेन रॉय आबकारी निरीक्षक राजकुमार यादव आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी और डिप्टी कार्मिक कुमार प्रभात चंद्र के बारे में आम चर्चा है कि इनसे मनचाही पोस्टिंग के लिए सम्पर्क करने वालों को चिन्हित गोदाम भेजा जाता है। जहां हिसाब किताब होने के बाद पोस्टिंग का प्रस्ताव कमिश्नर और प्रमुख सचिव को भेजा जाता है। यह ट्रांसफर सीजन शासन और आबकारी विभाग में कम से कम 100 करोड़ का खेल होता है।
विभागीय मंत्री बिगाड़ सकते हैं खेल:
नई ट्रांसफर पॉलिसी में विभागीय मंत्री ट्रांसफर पोस्टिंग प्रकरण में सर्व सर्वा है। यह भी कहा जा रहा है कि इस बार सभी श्रेणियां के ट्रांसफर पर मंत्री की सीधी निगाह है। किसी भी तरह के कदाचार अनियमित या भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर मंत्री ट्रांसफर लिस्ट रद्द भी कर सकते हैं।
विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बिना समूह ग और घ श्रेणी में भी विभाग अध्यक्ष ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। पिछली बार ट्रांसफर पोस्टिंग में जमकर वसूली धांधली और अनियमितता हुई थी और मंत्री ने खुली नाराजगी भी जाहिर की थी इसलिए यह कहा जा रहा है कि इस बार कमिश्नर और शासन स्तर पर अधिक मनमानी नहीं हो पाएगी।
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