भ्रष्ट और दागी अधिकारियों को मिला संरक्षण:
नियम विरुद्ध भ्रष्ट अधिकारी को किया गया अटैच , ब्लैकलिस्टेड एनजीओ को मिला करोड़ का काम:
लखनऊ। स्थानांतरण सत्र 2024-25 में निदेशालय महिला कल्याण में विगत 9 वर्ष से तैनात एवम सम्बध्द रहे उपनिदेशक क्रमशः पुनीत मिश्रा ,आशुतोष सिंह , अनु यादव ,बृजेंद्र निरंजन आदि के स्थानांतरण तो दूर की बात साबित हुई अपितु मुख्यालय महिला कल्याण में स्वीकृत मात्र एक उपनिदेशक के पद पर विगत 9 वर्षों से तैनात रहे श्री पुनीत मिसरा को निदेशक महिला कल्याण श्रीमती संदीप कौर द्वारा पहले तो उनकी जगह पर सत्र में श्रीमती नीता अहिरवार उपनिदेशक बरेली के मातृत्व अवकाश पर रहने के बावजूद जिनके विरुद्ध विधवा पेंशन घोटाला का मामला बरेली में लंबित होने के बावजूद सोची समझी साजिश की तहत ट्रांसफर हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा फिर यह कह्ते हुए कि श्री पुनीत मिश्रा की मुख्यालय में अपरिहार्यता भी है तमाम कोर्ट केस लंबित हैं इनको मुख्यालय में सम्बध्द रखा जाय इस सोची समझी साजिश को स्थानांतरण सत्र जून2024 में मात्र 2 अधिकारी श्री आशुतोष को प्रयाग राज एवम नीता अहिरवार को बरेली से मुख्यालय में साजिशन ट्रांसफ़र कराने में सफल रही हैं.जबकि नीता अहिरवार ने बरेली से मुख्यालय ट्रांसफ़र के बावजूद दिनाँक18.11.2024 को बरेली में ही ज्वाइनिंग कर लीं है .इस प्रकार से पुनीत मिश्रा और निदेशक महिला कल्याण अपने मंसूबे में सफल रहे हैं.निदेशक महिला कल्याण ने न केवल शासन को अंधेरे में रखकर गलत प्रस्ताव जानबूझकर भेजा अपितु आशुतोष सिंह जिनके योजना अधिकारी मुख्यालय रहते हुए महिला शक्ति केंद्र योजना अन्तर्गत शाशन के विरुद्ध 52 writ दाखिल होने से न केवल सरकार की किरकिरी हुई है अपितु पुनः श्रीमती संदीप कौर ने श्री आशुतोष को निदेशालय महिला कल्याण में सम्बध्द कर लिया है.इसी तरह से श्री बृजेंद्र निरंजन को जिन्हें निदेशालय महिला कल्याण की पुर्व संबद्धता काल की ब्यापक अनियमितता के प्रकरण में तत्कालीन प्रमुख सचिव द्वारा निलंबित किया गयाथा उक्त आदेशों को धता बताते हुए श्रीमती संदीप कौर ने अनंतिम बहाली की अनुशंसा करने के साथ ही निरंजन को पुनः निदेशालय महिला कल्याण में सम्बध्द कर लिया है जबकि अभी जांच चल रही है फिर भी उसी स्थल पर तैनाती दे दिया है !श्री पुनीत मिसरा की पुन:तैनाती वह भी तब जबकि उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने राजकीय संस्थाओं में बदहाली के खिलाफ गंभीर टिप्पणी की हो अपने आप में आश्चर्यजनक भी है!ये वही मिसरा जी है जिनके योजना अधिकारी रहते हुए ही तत्कालीन निदेशक मनोज राय ने सोनभद्र की blacklisted एनजीओ को फिर से ग्रांट दिला डाली है जिसके विरुद्ध कार्रवाई हेतु तत्कालीन प्रमुख सचिव ने नियुक्ति विभाग को पत्र लिखा है.वर्तमान प्रमुख सचिव बहुत ही शालीन हैं देखना है कि दिन दुखियों की सेवा करने वाले इस विभाग के क्या होगा!!!
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