लखनऊ। आबकारी महकमे में एक से बढ़कर एक कारनामे होते रहते हैं। ताजा मामला आबकारी आयुक्त मंडल कार्यालय प्रयागराज में वरिष्ठ सहायक के रूप में तैनात कई घोटालों के लिए चर्चित अमित अग्रवाल का है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक अमित अग्रवाल के विरुद्ध मुख्य सचिव कार्यालय में एक शिकायत पहुंची है। शिकायत में कहा गया है कि अमित अग्रवाल की लिपिक संवर्ग में नियुक्ति अवैध रूप से की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायती पत्र में कहा गया है कि अमित अग्रवाल की नियुक्ति वर्ष 2000 में उसके पिता गोवर्धन दास अग्रवाल की सेवारत रहते हुए आकस्मिक मौत हो जाने के कारण कंप्यूटर सहायक के पोस्ट पर हुई लेकिन अमित अग्रवाल को जब पता चला इस पोस्ट पर प्रोन्नति नहीं होगी तो उसने छल प्रपंच करते हुए अवैध रूप से अपना समायोजन लिपिक संवर्ग में करा लिया जिसकी अनुमति नियुक्ति और कार्मिक विभाग से आज तक नहीं ली गई है। अमित अग्रवाल के सर्विस बुक में उनकी नियुक्ति का विवरण में कई तथ्य छुपाए गए हैं। इस बीच अमित अग्रवाल ने प्रोन्नति हासिल कर वरिष्ठ सहायक के रूप में वर्तमान समय में उपायुक्त मंडल कार्यालय प्रयागराज में तैनात है।
अमित अग्रवाल पर गोपनीय सूचनाएं लीक कर वसूली करने का आरोप
शिकायती पत्र में यह भी कहा गया है कि अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गोपनीय सूचनाएं जुटाकर प्रभावित पक्षों को ब्लैकमेल कर धन उगाही करने का काम करता रहा है। अमित अग्रवाल ने कई शराब कारोबारियों की सूचनाएं लीक कर प्रतिद्वंदी पक्ष को प्रत्यक्ष फायदा पहुंचाया और उनसे जमकर धन उगाही की।
नागेश्वर राव की फर्म को अवैध रूप से दिलाया 5 लाख क्विंटल शीरा:
दक्षिण भारत के चर्चित शीरा व्यवसायी नागेश्वर राव से अपने संबंधों के चलते अमित अग्रवाल ने नियम कानून को ताक पर रखकर 5 लाख कुंटल शीरे के आवंटन में पत्रावली तैयार करने में मदद कराई और मोटी धन उगाही की।
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