अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

तो क्या कमिश्नर और प्रमुख सचिव को भी जाना पड़ेगा जेल !

बिना पद के सांख्यिकी अधिकारी जोगिंदर सिंह को वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी और ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर दी थी तनाती :

समूह( ख) पद पर तैनात सांख्यिकी संपर्क के अधिकारी को प्रमुख सचिव और कमिश्नर ने  बनाया था फर्जी संयुक्त निदेशक:

लखनऊ। आबकारी विभाग की प्रमुख सचिव और कमिश्नर वित्तीय अनियमितता के आरोप में जेल जा सकते हैं।

ताजा मामला पूर्व कथित जॉइंट डायरेक्टर सांख्यिकी जोगिंदर सिंह से जुड़ा हुआ है। शान द्वारा विभिन्न विभागों में  रिक्तियों का विवरण जारी किया गया है। विवरण के मुताबिक आबकारी विभाग में सांख्यिकी अधिकारी का पद रिक्त है और यह समूह ख का पद है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी ने बिना कैबिनेट में अनुमोदन लिए मनमानी तरीके से बिना किसी अधिकार के जोगिंदर सिंह को पदोन्नति दे दी जबकि जोगिंदर सिंह सांख्यिकी संवर्ग के अधिकारी थे इनकी नियुक्ति और प्रोन्नति का अधिकार संख्या निदेशालय को था। यह प्रकरण अवध भूमि न्यूज़ समय-समय पर उठाता रहा है। अवध भूमि न्यूज़  ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि जोगिंदर सिंह को आबकारी विभाग द्वारा अवैध रूप से पदोन्नति दी गई। प्रोविडेंट फंड जारी किया गया और आप पेंशन भी दी जा रही है। अवैध रूप से जोगिंदर सिंह को करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है अब यही मामला वित्त नियंत्रक पूर्व प्रमुख सचिव संजय भुस रेड्डी पूर्व कमिश्नर और वर्तमान कमिश्नर के लिए जी का जंजाल बना है इतना ही नहीं इस मामले में डिप्टी कार्मिक की भी जवाब देही है। आखिर अवैध रूप से पदोन्नति प्राप्त जोगिंदर सिंह का फंड और पेंशन कैसे जारी किया गया।

प्रदीप दुबे भी अवैध रूप से है कार्यरत:

डिप्टी एक्साइज कमिश्नर प्रदीप दुबे इसी पद पर अवैध रूप से कार्यरत हैं और तमाम अवैध आदेश अब तक जारी कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि इनकी नियुक्ति का आदेश शासन से नहीं हुआ है बल्कि कमिश्नर के आदेश पर हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि डिप्टी कार्मिक कुमार प्रभात ने नियमों के विपरीत नियुक्ति का आदेश कैसे जारी किया।

जब सांख्यिकी अधिकारी ही नहीं तो किसने जारी किए नई आबकारी नीति के आंकड़े:

शासन में भेजे गए विवरण के मुताबिक आबकारी विभाग में सांख्यिकी अधिकारी का पद रिक्त है। यदि पद रिक्त है तो प्रदीप दुबे को किसके अधिक आदेश से जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक का चार्ज दिया गया जबकि नियमानुसार यह आदेश शासन से आना चाहिए शान यह आदेश इसलिए नहीं कर सकता क्योंकि सांख्यिकी अधिकारी का पद का नियुक्त अधिकारी सांख्यिकी निदेशालय है। मजेदार बात यह है कि नवंबर में ही जब जोगिंदर सिंह रिटायर हो गए तो  आबकारी आयुक्त ने संख्या निदेशालय में नए अधिकारी की नियुक्ति के लिए अधियाचन क्यों नहीं भेजा। कमिश्नर आदर्श सिंह ने  अवैध रूप से बिना  अधिकार डिप्टी एक्साइज कमिश्नर वाराणसी प्रदीप दुबे को संयुक्त आबकारी निदेशक सांख्यिकी के पद पर तैनाती का आदेश क्यों दिया जब जबकि यह पद शासन स्तर पर कभी स्वीकृत ही नहीं किया गया। इस तरह से अवैध पदोन्नति मामले में प्रमुख सचिव और कमिश्नर के अलावा वित्त नियंत्रक सभी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है।

About Author