अवधभूमि

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तो क्या निरस्त होंगे आबकारी निरीक्षकों के तबादले:

लखनऊ। आबकारी निरीक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर में सबूत के साथ धांधली सामने आने के बाद अब यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि यह तबादले निरस्त भी हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि विभागीय मंत्री नितिन अग्रवाल खासे नाराज हैं उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी प्रकार की धांधली ना हो इसके लिए ऑनलाइन और मेरीट बेस्ड ट्रांसफर का आदेश दिया था लेकिन कमिश्नर की नियत खराब हो गई और उन्होंने स्पाउस ग्राउंड को हथियार बनाकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ट्रांसफर पॉलिसी की धज्जियां उड़ा दी। प्रकरण मंत्री के संज्ञान में आने के बाद वह काफी नाराज बताए जा रहे हैं यह भी कहा जा रहा है कि इस मामले की वह समीक्षा कर सकते हैं इसके अलावा जो ऑफलाइन पोस्टिंग भी मंत्री की देखरेख में  होगी। पूरे खेल में डिप्टी कार्मिक एवं एक चर्चित आबकारी निरीक्षक तथा पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक जिसका हाल ही में एक डिस्टलरी में तबादला हुआ है मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं।

लखनऊ का आबकारी निरीक्षक कीर्ति प्रकाश पांडे भी चर्चा में:

स्पाउस ग्राउंड पर जहां 300 किलोमीटर तक दूर ट्रांसफर किए गए वही एक आबकारी निरीक्षक कीर्ति प्रकाश पांडे के बारे में पता चला है कि वह लखनऊ के सेक्टर वन में तैनात है। यहां कीर्ति प्रकाश पांडे का कार्यकाल 3 वर्ष से अधिक हो गया है लेकिन ट्रांसफर पोस्टिंग की लिस्ट में उनका नाम नहीं है माना जा रहा है कि यह कृपा आबकारी आयुक्त ने या उनके इशारे पर डिप्टी कार्मिक ने की है। सवाल या उठाया जा रहा है कि आखिर जब 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले निरीक्षकों को अनिवार्य रूप से पोर्टल पर डिटेल उपलब्ध करानी थी फिर ऐसे में कीर्ति प्रकाश पांडे की पोस्टिंग का विवरण पोर्टल पर उपलब्ध क्यों नहीं है क्या उन्हें लिंक नहीं भेजा गया या पोर्टल पर उनकी पहुंच बाधित की गई अभी सबसे गंभीर सवाल यह है कि सेक्टर 1 में तैनात कीर्ति प्रकाश पांडे पोर्टल से रिलीव हो गए और उनकी जगह मोनिका यादव को मिली जिनको मेरिट में मात्र तीन अंक मिले हैं। मोनिका यादव की सेक्टर 1 में तैनाती हो गई लेकिन कीर्ति प्रकाश पांडे का तबादला कहां हुआ यह भी पोर्टल पर नहीं दिख रही है इसके पीछे क्या खेल है यह तो कमिश्नर ही जाने। मानव संपदा पोर्टल पर पोस्टिंग और ट्रांसफर के सिर्फ दो ही विकल्प है या तो ऑनलाइन मेरीट बेस्ड ट्रांसफर हो सकता है या फिर चॉइस के आधार पर पोस्टिंग हो सकती है लेकिन आबकारी विभाग में निरीक्षकों की पोस्टिंग में इन दोनों विकल्पों की अनदेखी की गई है। मनचाही पोस्टिंग के लिए चर्चा है कि कम से कम 5 करोड़ की वसूली हुई है हालांकि इसकी पुष्टि अवध भूमि नहीं करता लेकिन यह जांच का विषय तो है ही की विवादित सहायक आबकारी आयुक्त राजेश कुमार मिश्रा जो आबकारी आयुक्त की नाक का बाल है और जिस पर वसूली करने के गंभीर आरोप हैं तथा मनकापुर डिस्टिक इमेजिन की पोस्टिंग को केवल 6 महीने ही हुआ है उसकी पोस्टिंग जिला आबकारी अधिकारी आजमगढ़ के रूप में की गई माना जा रहा है कि यह कमिश्नर की ओर से उसे प्रसाद स्वरूप दिया गया है।

क्यों बढ़ गई तबादला निरस्त होने की आशंका:

जिस तरह आबकारी निरीक्षकों की पोस्टिंग में तरह-तरह से धांधली हुई है इस तरह स्टैंप विभाग में दंगली हुई और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया जिसके बाद पूरे प्रदेश में सभी तबादले निरस्त कर दिए गए। आबकारी आयुक्त की भी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच रही है माना जा रहा है कि यहां भी बड़ी कार्रवाई होने वाली है।

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