
नई दिल्ली। अनंत आकाश की ऊंचाइयों की थाह लेकर लगभग 9 महीने तक अंतरिक्ष में बिताने के बाद भारत की प्रवासी बेटी सुनीता विलियम्स धरती पर से कुशल लौट आई है।
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों बाद पहली बार पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति महसूस करते हुए ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आईं. अब वह प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच से गुजरेंगी और फिर क्रू-9 टीम के साथ ह्यूस्टन के लिए रवाना होंगी.
बुच विलमोर, जो जून 2024 में सुनीता विलियम्स के साथ अंतरिक्ष गए थे, को भी ड्रैगन अंतरिक्ष यान से सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया है.
सुनीता विलियम्स अपने नवीनतम अंतरिक्ष मिशन पर 5 जून, 2024 को रवाना हुई थीं। यह मिशन बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान का पहला चालक दल परीक्षण उड़ान (Crew Flight Test – CFT) था, जिसे नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की क्षमताओं का परीक्षण करना था, ताकि यह प्रमाणित हो सके कि यह यान भविष्य में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक नियमित रूप से अंतरिक्ष यात्रियों को ले जा सकता है और वापस ला सकता है।
मिशन का विवरण:
लॉन्च तिथि और स्थान: 5 जून, 2024 को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए स्टारलाइनर को लॉन्च किया गया।
उद्देश्य:
मूल रूप से यह मिशन 8 से 10 दिनों का था, जिसमें सुनीता और बुच को ISS पर पहुंचकर अंतरिक्ष यान की कार्यप्रणाली, डॉकिंग प्रक्रिया, और जीवन समर्थन प्रणालियों का परीक्षण करना था। इसके बाद उनकी वापसी की योजना थी।
ISS पर पहुंच:
6 जून, 2024 को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान ISS के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक जुड़ गया। यह यात्रा लगभग 25 घंटे की रही।
इस मिशन के दौरान सुनीता विलियम्स ने ISS पर रहते हुए कई वैज्ञानिक प्रयोग किए और रखरखाव कार्यों में योगदान दिया। उन्होंने अपने पिछले रिकॉर्ड्स को भी बढ़ाया, जिसमें एक महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक (9 बार, कुल 62 घंटे से अधिक) शामिल है। इस मिशन के साथ, सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल 608 दिन बिताए, जो उनके करियर की तीन यात्राओं (2006, 2012, और 2024-25) का योग है।
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