अवधभूमि

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गाजियाबाद में अंतरराष्ट्रीय शराब तस्करों का अड्डा:

आबकारी विभाग को करोड़ों का राजस्व नुकसान:

गाजियाबाद। दिल्ली का प्रवेश द्वार कहां जाने वाला गाजियाबाद अंतर्राष्ट्रीय शराब तस्करों का अड्डा भी है। तस्करों की यहां समानांतर सत्ता चलती है। सूत्रों ने दावा किया है कि सोनीपत पानीपत गुड़गांव फरीदाबाद  में कई बड़े शराब तस्कर है जो रेड लेबल ब्लैक लेबल और ब्लू लेबल जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के नकली प्रोडक्ट तैयार करते हैं और असली बोतल में गाजियाबाद के बार में पहुंचा देते हैं। इतना ही नहीं  बांड की दुकानों का नियमित रूप से निरीक्षण नहीं होने से यह खेल तस्कर आसानी से खेलते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि बॉन्ड की जो भी दुकान गाजियाबाद में है उनका स्थानी जिला आबकारी अधिकारी स्तर से  निरीक्षण में  शिथिलता बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से बॉन्ड के लाइसेंस पर शराब तस्कर अपना खेल खेल रहे हैं और विभाग को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। समुद्र पर विदेशी मदिरा की जो भी सप्लाईबॉन्ड के माध्यम से fl2 को हो रही है उसमें ज्यादातर शराब तस्करी ही हो रही है। चर्चा तो यह भी है कि कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के लेकर की कॉपी बॉन्ड के दुकानों के माध्यम से fl2 तक पहुंच रही है। इस खेल में विभाग के आबकारी अधिकारी भी शामिल है।

जानकारी मिली है कि इस समय डिप्टी मेरठ और गाजियाबाद के पूर्व जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह का यहां शराब माफियाओं के सिंडिकेट के साथ बड़ा नजदीकी संबंध रहा है और अब यही सिंडिकेट वर्तमान जिला आबकारी अधिकारी के संपर्क में है। बताया जाता है कि अकेले दिल्ली से 100 से डेढ़ सौ शराब तस्कर प्रतिदिन गाजियाबाद में कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की शराब की होम डिलीवरी करवाते हैं बार में भी सप्लाई करते हैं बड़े-बड़े फ्लैट मैं रहते हैं और आबकारी अधिकारियों से भी अपने संबंध अच्छे रखते हैं।

एक तरफ विभाग के मंत्री यूपी में शराब तस्करी रोकने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं वहीं दूसरी ओर विभाग के ही अधिकारी विभाग को चूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। देखना है शराब माफिया और विभाग के अधिकारी का सिंडिकेट टूटता है या नहीं।

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