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कमिश्नर आदर्श सिंह के पीछे छुपे हैं टपरी शराब कांड के गुनहगार:

प्रवर्तन निदेशालय और एसआईटी जांच को डिटेल करने की कोशिश

आबकारी मुख्यालय में किसने दबा रखा है गृह एवं गोपन विभाग का यह पत्र:

लखनऊ। टपरी शराब कांड में शासन ने उन जनपदों में जहां पर अवैध रूप से करोड़ों रुपए की शराब का भंडारण और वितरण हुआ संबंधित पर्यवेक्षण अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई इस संबंध में सितंबर 2023 में एक पत्र आबकारी मुख्यालय को लिखा गया लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आबकारी मुख्यालय के वह बाबू जो आबकारी आयुक्त के मुंह लगे हैं उन्होंने शासन के पत्र या तो गायब कर दिया या फिर उसे दबा लिया और कोई कार्रवाई नहीं होने दी। कहां जा रहा है कि अगले कुछ महीने में रिटायर होने जा रहे जॉइंट ईआईबी जैनेंद्र उपाध्याय और हाल ही में हुई डीपीसी में प्रोन्नति पाकर जॉइंट आबकारी कमिश्नर लखनऊ और जॉइंट मुख्यालय का अतिरिक्त चार्ज पाने वाले दिलीप मणि त्रिपाठी पर आबकारी आयुक्त बेहद मेहरबान रहे और उन्हें न केवल प्रोन्नति में बल्कि मलाईदार पोस्टिंग में भी मदद की यह जानते हुए की दिलीप मणि त्रिपाठी भी शासन के रडार पर हैं और जिस समय जौनपुर में लाखों रुपए की शराब पकड़ी गई थी तब वह वाराणसी के डिप्टी कमिश्नर थे। प्रकरण का पटाक्षेप अभी तक नहीं हुआ है फिर भी शासन के पात्र को कूड़े में डालकर दागी अधिकारी की मदद जारी रही।

जॉइंट आबकारी आयुक्त (प्रवर्त्तन) जैनेंद्र उपाध्याय टपरी कांड के मास्टरमाइंड

वर्तमान में पूरे उत्तर प्रदेश में अवैध शराब के उत्पादन बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने की जिम्मेदारी जिन जैनेंद्र उपाध्याय जॉइंट आबकारी आयुक्त प्रवर्तन के रूप में मिली है शासन ने पत्र में उन्नाव में पकड़ी गई करोड़ों रुपए की बिकी अवैध शराब मामले तत्कालीन डिप्टी जैनेंद्र उपाध्याय पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई या क्या कार्रवाई हुई इसको लेकर आख्या मांगी है। कहां जा रहा है कि शासन के पात्र को जैनेंद्र उपाध्याय ने ही गायब कर रखा है या फिर दबा रखा है या उनके कहने पर संबंधित पटेल सहायक ने यह पत्र अभी तक कार्रवाई के लिए आबकारी आयुक्त तक नहीं प्रस्तुत किया हालांकि इस प्रकरण की जानकारी आबकारी आयुक्त को है लेकिन उन्होंने इस पत्र को फिर भी संज्ञान में नहीं लिया या फिर इस पत्र के बाबत संबंधित जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों से पूछताछ नहीं की जो भी है टपरी कांड के गुनहगारों को आबकारी मुख्यालय और उसके बड़े अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा है।

क्या था टापरी शराब कांड में:

प्रवर्तन निदेशालय ने सहारनपुर के टपरी स्थित मेसर्स कोआपरेटिव कंपनी लिमिटेड से जुड़े मामले में प्रदेश के तीन स्थानों समेत कुल छह स्थानों पर एक साथ छापे मारे। यह मामला एक ही बिल्टी पर शराब की डबल निकासी का है। सहारनपुर, बरेली और जौनपुर में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने भारी लैपटॉप हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव के अलावा 11 लख रुपए कैश भी बरामद हुआ है

बताया कि सहारनपुर के टपरी में शराब फैक्ट्री से एक ही बिल्टी पर शराब की डबल निकासी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भी मार्च 23 में केस दर्ज किया था। इसी मामले में बृहस्पतिवार को यूपी के बरेली, सहारनपुर और जौनपुर व दिल्ली की तीन लोकेशन पर एक साथ सर्च आपरेशन चलाया गया। यह कार्रवाई प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट तहत की गई है।

एक अनुमान के मुताबिक अवैध शराब की बिक्री से लगभग एक अरब रुपए का आबकारी विभाग को चूना लग गया था। इस मामले में छोटी मछलियां फंस गए लेकिन बड़े मगरमच्छ आज भी मौज कर रहे हैं और ऊंचे ऊंचे पदों पर आसीन होकर सभी तरह की जांच को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

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