लखनऊ। गत 31 मार्च को विभाग ने अपनी वास्तविक आय के बजाय आंकड़ों में हेराफेरी करके विभाग का वार्षिक राजस्व 42 हजार करोड़ रुपए बताया था और सरकार की खूब तारीफ हुई थी जबकि वास्तविकता यह थी कि सरकार को केवल 34000 करोड रुपए मिले थे और आठ हजार करोड़ रूपया cl2 fl2 अनुज्ञापियों ने अप्रैल मई और जून के महीने के इंडेंट के लिए अग्रिम भुगतान किया था यह धनराशि विभाग के एडवांस अकाउंट में जमा है। जब तक इस अकाउंट से धनराशि विभाग के मेन अकाउंट में क्रेडिट नहीं होती तब तक उसे वास्तविक आए नहीं माना जाता लेकिन जालसाज और आंकड़ों में हेराफेरी करने के लिए माहिर तथाकथित ज्वाइंट डायरेक्टर सांख्यिकी जोगिंदर सिंह ने इस एडवांस अकाउंट को भी जिसका विभाग ने उपभोग नहीं किया था उसे भी वास्तविक आय बताते हुए गत वर्ष का राजस्व में जोड़ दिया और विभाग का वास्तविक आय 34000 करोड़ से बढ़कर 42000 करोड हो गया। जिन शराब कारोबारियों ने एडवांस अकाउंट में भुगतान किया था अब वह अपना पेमेंट इंटरनेट के सापेक्ष एडजस्ट कर रहे हैं जिसकी वजह से अप्रैल मई और जून के महीने में विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य से लगातार कम आय हो रही है।
जून महीने में द्वारा जारी आंकड़े:
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल मई और जून में लगातार राजस्व आंकड़े विभाग की नींद उड़ाने वाले हैं। जानकारों का मानना है कि बीयर की विक्री घटते ही राजस्व आंकड़े धड़ाम हो जाएंगे। किसी भी सूरत में विभाग 58 हजार करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा। पहले क्वार्टर के नतीजे में 2600 करोड़ से पीछे चल रहा लक्ष्य आने वाले समय में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। कुछ लोगों का तो यही कहना है कि विभाग 45000 करोड़ का लक्ष्य हासिल कर ले यह भी बड़ी बात होगी।
More Stories
डीपीसी से पहले कई कर्मचारियों की एसीआर गायब, प्रभावित कर्मचारियों से वसूली में जुटे प्रसेन रॉय और राजकुमार
पुलिस का सनसनी खेज खुलासा :
योगी के लिए खतरे की घंटी: