पहले चरण की लॉटरी में ही 99% दुकानों के एलॉटमेंट का कीर्तिमान:

लखनऊ। तमाम चुनौतियों और बाधाओं को पार करते हुए आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने शराब माफियाओं और विभाग के ही कुछ अधिकारियों के मजबूत नेक्सस को न केवल तोड़ दिया बल्कि इस कारोबार में बहुत ही साधारण और मध्यम वर्ग को भी रोजी-रोटी का अवसर दे दिया। इनसाइड स्टोरी यह है कि इस बार सितंबर 2024 में ही मंत्री नितिन अग्रवाल ने अधिकारियों को दो टूक कह दिया था कि दुकानों का व्यवस्थापन लॉटरी के माध्यम से ही होगा इसकी तैयारी शुरू करें। कुछ अधिकारी ऐसा चाहते नहीं थे उन्होंने रिन्यूअल के पक्ष में दलीलें दी लेकिन मंत्री ने सबको सिरे से खारिज कर दिया। मंत्री के ऐलान के बाद सालों से शराब कारोबार में अपना प्रभुत्व रखने वाले बड़े माफिया चिंतित हो गए। उन्होंने अपने तरीके से लॉटरी रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन मंत्री की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे उनकी एक नहीं चली। करीब 6 साल बाद जब लॉटरी हुई तो लोगों में बड़ा उत्साह देखा गया और करीब 350000 से अधिक आवेदन भांग देसी शराब और कंपोजिट दुकानों के लिए आए और विभाग का खजाना भरने लगा। जो लोग आबकारी मंत्री की रणनीति को संदेह की नजर से देख रहे थे अब वही उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में लॉटरी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब पहले ही चरण में 99% से ज्यादा दुकानों का अलॉटमेंट हो गया और मिल रही खबरों के मुताबिक करीब 70% दुकानों के लाइसेंस फीस भी जमा हो गई है माना जा रहा है कि इस बार विभाग अपने राजस्व लक्ष्य को न केवल आसानी से प्राप्त करेगा बल्कि उससे आगे भी जा सकता है। लंदन के मशहूर इंजीनियरिंग कॉलेज से m.tech आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की व्यावसायिक समझ भी यहां काम आई है। लॉटरी की सफलता के बाद विभाग के ही बड़े अधिकारी जो खुलकर सहयोग नहीं कर रहे थे मंत्री की कार्य कुशलता के बाद अब चिंतित नजर आ रहे हैं।
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