ऑफिसर्स क्लब में आखिर एकता गुप्ता के साथ क्या हुआ:
कानपुर के सिविल लाइंस निवासी शेयर कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता गुप्ता की हत्या का रविवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस की कहानी में कई झोल दिख रहे हैं।
32 साल की एकता गुप्ता के साथ साजिश हुई। ऑफिसर्स क्लब में जिंदा पहुंची थी एकता या मर्डर के बाद वहां गाड़ा गया?
ऐसे बेहद गंभीर आरोप हैं कि डीएम कंपाउंड के सटे ऑफिसर्स क्लब में लड़कियों का काफी आना रहता है!
कौन लेकर आता था लड़कियों और किसके लिए ?
क्या जिम ट्रेनर इस “गंदे काम” का हिस्सा था ?
एकता को क्या किसी High Profile अधिकारी की करतूत पता चल गई थी ? या कहानी वही सच है जो पुलिस कह रही है।
लेकिन कुछ तो है जिस पर से ध्यान भटकाया जा रहा है।
राज वहीं छिपा है जिस ऑफिसर्स क्लब में लाश मिली। खास बात ये है इस ऐशगाह में सीसीटीवी भी नहीं लगा।
सवाल जिनके जवाब अभी भी तलाशने बाकी।
पहले कहा-कार छोटे गेट से अंदर गई, जिसकी चौड़ाई कार से छोटी है
-ऑफिसर्स क्लब का वह गेट जिससे पुलिस कार अंदर ले जाने की बात कह रही है, उसकी चौड़ाई 1676 एमएम है। गेट बाहर की तरफ खुलता है। इसके एंगल के कारण करीब तीन इंच चौड़ाई और कम हो जाती है। जबकि आई-टेन कार की चौड़ाई 1680 एमएम है। ऐसे में कार निकलना संभव नहीं लगता है।
वारदात के बाद हत्यारोपी की कार के जो सीसीटीवी फुटेज सामने आए, उनके समय को लेकर असमंजस है। सुबह 7: 53 मिनट पर आरोपी की कार रेवथ्री और 7:51 बजे रावतपुर के सीसीटीवी कैमरों में दिखी। जबकि, ग्रीन पार्क से रावतपुर की तरफ आने पर पहले रेवथ्री पड़ेगा।
पहले पौधारोपण के लिए खोदा बताया गड्ढा, फिर कही साजिश की बात
- ऑफिसर्स क्लब परिसर में गड्ढा साजिश के तहत पहले खोद रखा था या शव लेकर जाने के बाद खोदा। इस सवाल का जवाब भी अफसर नहीं दे सके। पहले बोले, पौधरोपण के लिए गड्ढा खोदा गया होगा। साइज को लेकर सवाल हुआ तो अफसर पलट गए और बोले कि हो सकता है कि प्लानिंग के तहत हत्यारोपी ने पहले गड्ढा खोद दिया हो।
ऑफिसर्स क्लब परिसर में कोई कैमरा क्यों नहीं?…
- शहर भर में भले ही सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछा हो, लेकिन ऑफिसर्स क्लब परिसर में कोई कैमरा नहीं लगा है। परिसर में सन्नाटा भी रहता है। यह सुरक्षा में चूक है और जिम ट्रेनर की तरह कोई भी अपराधी किसी भी वारदात को अंजाम देकर आसानी भाग सकता है।
कार में रस्सी व खून के धब्बे मिले फिर भी ठंडे बस्ते में डाला था केस
- पुलिस को वारदात के अगले ही दिन हत्यारोपी की कार मिल गई थी। उसमें रस्सी, खून और अन्य सामान भी बरामद हो गया। इसके बाद भी पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया। ऐसे कई और सवाल है जो पुलिस के गुडवर्क की कहानी में सवाल उठा रहे हैं।
More Stories
डीपीसी से पहले कई कर्मचारियों की एसीआर गायब, प्रभावित कर्मचारियों से वसूली में जुटे प्रसेन रॉय और राजकुमार
पुलिस का सनसनी खेज खुलासा :
योगी के लिए खतरे की घंटी: