लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण करने के तमाम प्रयासों के बावजूद जब अपराध नियंत्रण नहीं हो रहा है तो ऐसे में पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने एक नायाब आदेश जारी कर दिया है।
डीजीपी का कहना है कि सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट में हुईं वारदात का मुख्यालय स्तर से विश्लेषण किया गया है। इसमें सामने आया है कि हिंदू पंचांग के अंधेरे पक्ष (कृष्ण पक्ष) की अमावस्या के एक हफ्ता पहले और एक हफ्ते बाद तक रात में ज्यादा क्राइम होता है। ऐसे में पंचांग के मुताबिक, हर महीने कृष्ण पक्ष की अमावस्या को चिह्नित किया जाए। अमावस्या से एक हफ्ते पहले और एक हफ्ते बाद रात में हुए अपराधों का क्राइम ऐंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क ऐंड सिस्टम (CCTNS) और यूपी 112 के जरिए मिली सूचनाओं से मिलान कर क्राइम मैपिंग करवाई जाए। मैपिंग के मुताबिक हॉट स्पॉट चिह्नित कर कार्ययोजना तैयार की जाए।
क्राइम मैपिंग के मुताबिक क्षेत्र और समय चिह्नित करने की प्रक्रिया के लिए तकनीकी सेवाएं इकाई एसओपी तैयार करेगी। इस संबंध में पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। डीजीपी ने कहा है कि अमावस्या के आसपास रात में गश्त के लिए ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। अतिसंवेदनशील इलाकों को क्लस्टर में बांटकर गश्त करवाई जाए। जिनकी भी ड्यूटी रात में लगे उन्हें उस इलाके में हुईं घटनाओं, उनकी तारीख, समय और घटनाओं के तरीके की पूरी जानकारी दी जाए। 112 यूपी की पीआरवी के रूट चार्ट को भी इसी आधार पर तैयार किया जाए। पिकेट और पट्रोलिंग ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों की चेकिंग के लिए रोस्टरवार सीओ की ड्यूटी लगाई जाए।
फिलहाल बीजेपी का नया फरमान विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसको लेकर मुख्य विपक्षी दल सरकार की चुटकी ले रहे हैं।
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