
कमिश्नर ने रात 9:30 बजे बुलाई आपात वर्चुअल मीटिंग, मनचाही पोस्टिंग के लिए वसूली की सूचना पर हड़कंप
लखनऊ। आबकारी विभाग में कथित वसूली और पोस्टिंग गेम को लेकर बुधवार देर रात अचानक हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार कमिश्नर ने रात 9:30 बजे वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इंस्पेक्टरों और विभागीय अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई।
कानपुर के एक इंस्पेक्टर पर लगा वसूली का आरोप :
सूत्रों के मुताबिक मीटिंग के दौरान कानपुर में तैनात एक इंस्पेक्टर पर हाल ही में इंस्पेक्टर से पदोन्नत हुए सहायक आबकारी आयुक्त की “मलाईदार पोस्टिंग के लिए भारी वसूली” का आरोप लगा।
विभाग में यह भी चर्चा है कि कार्मिक अनुभाग में तैनात एक निरीक्षक और एक सहायक आबकारी आयुक्त लंबे समय से वसूली को लेकर विवादों में रहे हैं।
लेकिन सूत्र बताते हैं कि पहली बार किसी फील्ड इंस्पेक्टर पर मनचाही पोस्टिंग दिलाने का ‘ठेका’ लेने की सूचना सामने आई, जिसने विभागीय स्तर पर हलचल बढ़ा दी।
कमिश्नर ने मीटिंग में दी सख्त चेतावनी
सूत्रों का दावा है कि शिकायत सामने आने के बाद कमिश्नर कैंप में हड़कंप मच गया और तत्काल वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई।
इस बैठक में कमिश्नर ने कथित रूप से कानपुर के निरीक्षक विनोद सिंह को सीधे तौर पर चेतावनी जारी की।
सूत्रों का यह भी कहना है कि मीटिंग के दौरान कमिश्नर ने कड़ा बयान देते हुए कहा—
“मेरे नाम पर वसूली की जा रही है… और मैं किसी को छोड़ूंगा नहीं।” कमिश्नर ने इंस्पेक्टर पर पोस्टिंग के लिए सिफारिश के जरिए दबाव बनाने की फितरत से बाज आने की चेतावनी दी।
वैसे तो बैठक की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन देर रात तक यह बैठक विभाग में चर्चा का विषय बनी रही।
विभागीय मंत्री की सख्ती का असर?
सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में विभागीय मंत्री की भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर का प्रभाव अब मैदान तक दिखने लगा है।
कुछ ही दिनों पहले एक बड़े प्रकरण में सहायक आबकारी आयुक्त राम प्रीत चौहान को मंत्री द्वारा बर्खास्त किया गया था।
कहा जा रहा है कि इसी सख्ती की वजह से अधिकारी अब दबाव में हैं, और विभाग में वर्षों से चल रहे वसूली तंत्र पर शिकंजा कसने की कोशिशें तेज हो गई हैं।




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