
उपराष्ट्रपति चुनाव पर संघ का दबाव, भाजपा में बगावत के हालात
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच खींचतान खुलकर सामने आ गई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से सांसदों को साधने के लिए रखी गई आज की डिनर पार्टी पूरी तरह फ्लॉप होती दिखाई दे रही है सांसदों के बहिष्कार के कारण पार्टी को रात्रिभोज रद्द करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, हिमाचल और पंजाब की बाढ़ का बहाना बनाकर सांसदों ने डिनर से दूरी बना ली, लेकिन हकीकत यह है कि उसी समय जोधपुर में संघ की बैठक में कई सांसद जिनकी संख्या दर्जनों में बताई जा रही है भाजपा सांसद शामिल हो गए। यह घटना साफ इशारा करती है कि संघ के सामने भाजपा अध्यक्ष की अपील बेअसर हो रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के भीतर गंभीर असंतोष उभर आया है। संघ ने उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले ही भाजपा नेतृत्व पर दबाव बढ़ा दिया है और यहां तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर भी अपनी शर्तें सामने रख दी हैं।
भाजपा की डिनर डिप्लोमेसी की नाकामी ने यह साफ कर दिया है कि पार्टी की अंदरूनी एकजुटता खोखली है। सांसदों की खुलेआम नाराज़गी और संघ की छाया में बढ़ते दबाव से सवाल खड़ा हो गया है—क्या भाजपा उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले ही अपनी ही जंग हार रही है?
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