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मिर्जापुर शराब कांड: स्कूटी से अवैध सप्लाई का भंडाफोड़ – विभागीय लापरवाही, बिहार चुनाव कनेक्शन और आबकारी आयुक्त पर सवाल


🎥 शुरुआत – वायरल वीडियो से खुला राज

मिर्जापुर के विंध्याचल थाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा है।
वीडियो में शराब दुकान का सेल्समैन, रात में दुकान बंद होने के बाद, स्कूटी की डिक्की और सीट के नीचे शराब व बीयर की बोतलें छिपाकर ग्राहकों को बेचता दिख रहा है।
पुलिस मौके पर पहुंची और सेल्समैन को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।


🔎 हमारी जांच में क्या सामने आया

  1. स्कूटी से अवैध बिक्री – दर्जनों बोतलें जब्त।
  2. विभागीय निगरानी फेल – कोई रोकथाम नहीं।
  3. वीडियो सबूत – विभाग की पोल खुल गई।

⚠️ विभागीय स्तर की लापरवाही

👉 आबकारी निरीक्षक और उप-निरीक्षक – दुकान बंद होने के बाद निगरानी की जिम्मेदारी नहीं निभाई।
👉 जिला आबकारी अधिकारी – स्टॉक और बिक्री का मिलान करने में नाकाम।
👉 डिप्टी एक्साइज कमिश्नर – मॉनिटरिंग का पूरा सिस्टम फेल।


🚨 बिहार चुनाव कनेक्शन

– मिर्जापुर से बिहार की सीमा पास है, यहां से चुनावी समय में शराब सप्लाई आसान।
– सूत्रों का दावा: यह नेटवर्क वोट खरीदने और चुनावी फंडिंग से जुड़ा हो सकता है।
– अगर जांच में यह साबित हुआ, तो यह सिर्फ स्थानीय घटना नहीं, बल्कि बड़ा चुनावी घोटाला होगा।


🔴 आबकारी आयुक्त पर उठे सवाल

इस घटना ने सबसे बड़ा सवाल उठाया है –
क्या आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) वाकई विभाग को संभाल पा रहे हैं?

– पूरे प्रदेश में शराब की कालाबाजारी और तस्करी बढ़ रही है।
– निगरानी और नियंत्रण के लिए जारी आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित हैं।
– मिर्जापुर की घटना ने साफ कर दिया कि आबकारी आयुक्त की रणनीति पूरी तरह विफल है।

विश्लेषण:

  • आबकारी आयुक्त प्रदेश की शराब नीति लागू कराने में नाकाम।
  • विभाग में भ्रष्टाचार और संरक्षण तंत्र चरम पर।
  • निचले स्तर से लेकर जिला और डिप्टी कमिश्नर स्तर तक मॉनिटरिंग गायब।
  • तस्कर बेलगाम, शराब की अवैध सप्लाई पर कोई ठोस रोक नहीं।

विशेषज्ञों का कहना है कि—

“अगर आबकारी आयुक्त सख्ती से कंट्रोल करते तो यह खेल जड़ से खत्म हो सकता था। लेकिन हकीकत यह है कि विभाग लूट-खसोट और कालाबाजारी का केंद्र बन चुका है।”


🗣️ जनता की आवाज

स्थानीय लोगों का कहना है—

“यह सिर्फ एक सेल्समैन की करतूत नहीं। पूरा सिस्टम मिलीभगत से चल रहा है। अगर आबकारी आयुक्त और विभाग की टीम सजग होती तो यह हालात न होते।”


👉 मिर्जापुर शराब कांड से विभाग की पोल खुली
👉 स्कूटी से अवैध शराब सप्लाई, सेल्समैन गिरफ्तार
👉 आबकारी निरीक्षक से लेकर जिला अधिकारी तक लापरवाही
👉 चुनावी मौसम में बिहार सप्लाई की आशंका
👉 आबकारी आयुक्त पर गंभीर सवाल – क्या विभाग संभालना मुश्किल हो गया?


निम्नलिखित मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) में पिछले एक वर्ष (अगस्त 2024–अगस्त 2025) में सामने आए प्रमुख शराब संबंधित कांडों की विवरणवार सूची है:

मिर्जापुर में शराब कांड – पिछले 1 वर्ष की घटनाएँ

1. कार से तस्करी: 700+ शराब की बोतलें

लगभग दो महीनें पहले (2025 में), कोतवाली कटरा पुलिस ने रॉबर्टगंज तिराहे के पास एक स्विफ्ट डिजायर कार से 659 टेट्रा पैक और 42 अंग्रेजी शराब की बोतलें जब्त कीं, और 5 तस्करों को गिरफ्तार किया। इसमें से एक आरोपी मिर्जापुर का निवासी था, अन्य बिहार से थे। पुलिस ने कार और अभियुक्तों को हिरासत में लिया और मामला दर्ज किया।

2. 116.1 लीटर अवैध शराब जब्त

दिसंबर 2024 में, कटरा थाना पुलिस व SOG की संयुक्त टीम ने रेलवे कॉलोनी गेट के पास दो अभियुक्तों को पकड़ा, जिनके पास 116.1 लीटर अवैध शराब थी, जिसकी अनुमानित कीमत ₹1.5 लाख थी। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

3. हरियाणा से बिहार भेजी जा रही 300 बोतल शराब पकड़ी गई

हाल ही में (लगभग 2 दिन पहले), लालगंज थाना क्षेत्र में सर्विलांस व SOG टीम ने दो कारों से 300 बोतल अवैध अंग्रेजी शराब (750ml प्रति बोतल) जब्त की। कारों में सवार चार तस्कर पकड़े गए — आरोप है कि वे हरियाणा से शराब खरीदकर बिहार ले जा रहे थे।

4. हरियाणा से बिहार ले जाई जा रही 240 बोतल शराब सहित पांच तस्करों की गिरफ्तारी

मार्च 2025 में, चील्ह पुलिस, SOG, सर्विलांस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने दो कारों से 240 बोतल अंग्रेजी शराब, जिसकी कीमत लगभग ₹27 लाख थी, जब्त की। इसमें शामिल 5 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

सारांश तालिका (अगस्त 2024 – अगस्त 2025)

तारीख (अनुमानित) घटना विवरण जब्त शराब की मात्रा गिरफ्तार अभियुक्त

दिसंबर 2024 रेलवे कॉलोनी गेट पर तस्करी 116.1 लीटर (~₹1.5 लाख) 2
पूर्व 2025 स्विफ्ट डिजायर कार से तस्करी 659 टेट्रा पैक + 42 बोतलें 5
मार्च 2025 दो कार से 240 बोतल तस्करी 240 बोतल (~₹27 लाख) 5
हाल ही में (अगस्त 2025) हरियाणा से बिहार ले जा रही शराब पकड़ी गई 300 बोतल (750ml) 4

उपरोक्त तत्वों से स्पष्ट हो रहा है कि आबकारी विभाग पूरी तरह शराब तस्करों के अधीन हो गया है या तो विभाग के शीर्ष अधिकारी शराब तस्करों के साथ दूरभि संधि करके विभाग को करोड़ अरबो रुपए के राजस्व का चूना लगा रहे हैं या फिर  विभाग के शीर्ष अधिकारियों की योग्यता और निगम में पान का लाभ शराब तस्कर उठा रहे हैं।  विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल जहां शराब के अवैध बिक्री उत्पादन और माफिया तंत्र को समाप्त करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं वहीं उनके अधिकारी उनके मिशन को फेल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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