
लखनऊ। ई लॉटरी के माध्यम से फुटकर शराब की दुकानों के व्यवस्थापन से अधिक से अधिक राजस्व कमाने के आबकारी विभाग के अरमानों पर पानी फिर सकता है।
आबकारी आयुक्त ने कहा है कि किसी भी प्रकार के प्रोफेशनल जैसे डॉक्टर इंजीनियर अधिवक्ता या सरकारी अधिकारी कर्मचारी आबकारी विभाग की ई लॉटरी में भाग नहीं ले पाएंगे। इसके अलावा किसी प्रकार के आपराधिक चरित्र के व्यक्तियों को भी दुकान नहीं मिलेंगी। आबकारी विभाग का यह भी कहना है कि गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने से रोका जाएगा। आबकारी विभाग के अनुसार इच्छुक अभ्यर्थियों के पुलिस वेरिफिकेशन के बाद ही दुकानों का आवंटन होगा। सवाल या पैदा होता है कि आखिर यह प्रक्रिया आवेदन के समय ही क्यों नहीं शुरू की जाएगी। आबकारी विभाग की एक रणनीति यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग आवेदन करें और बाद में स्क्रुटनिंग करके 60% से ज्यादा आवेदन निरस्त कर दिए जाएं और बचे हुए आवेदन में ही लॉटरी कराई जाए। फिलहाल देखना है कि आबकारी विभाग की इस चुनौती से आवेदन कर्ता कैसे पार पाते हैं।
More Stories
सबकी तिजोरी भर गया ट्रांसफर सीजन:
यूपी में बिजली कटौती का विरोध किया तो होगी एफआईआर:
मोडवेल के खेल में फसी शराब कंपनी और आबकारी विभाग: