
लखनऊ। ट्रांसफर सीजन में आबकारी विभाग में बदनाम सहायक आबकारी आयुक्त मुबारक अली फिर चर्चा में है। बताया जा रहा है कि सिपाही दीवान और सब इंस्पेक्टर रोंगटे ट्रांसफर प्रकरण लखनऊ स्थित कथित कैंप कार्यालय में मुबारक अली देख रहे हैं। बहुत से सिपाही और दीवान रैंक के कर्मचारी मुबारक अली से मुलाकात कर रहे हैं। पता चला है कि सिपाही और दीवान रैंक के लिए ₹200000 तक वसूली हो रही है। सबसे ज्यादा हैरानी के बाद यह है कि सिपाही दीवान और सब इंस्पेक्टर रैंक के ट्रांसफर एडिशनल कमिश्नर को देखना है फिर ऐसे में मुबारक अली जिनके पास फिलहाल मूल पोस्टिंग नहीं है और एडिशनल चार्ज के रूप में गोविंद शुगर मिल डिस्टलरी एरा लखीमपुर खीरी में तैनाती दी गई है लेकिन मुबारक अली वहां कभी नहीं जाते और लखनऊ से ही डिस्टलरी से होने वाली निकासी के गेट पास का काउंटर साइन फर्जी बना रहे हैं और इसका फायदा उठाकर यह डिस्टलरी शराब उत्पादन के आंकड़ों में हेरा फेरी कर प्रतिदिन करोड़ों रुपए का वर्णन न्यारा कर रही है और सरकार को राजस्व क्षति पहुंचा रही है। बताया जा रहा है कि इनको आबकारी विभाग के अलावा डिस्टलरी से प्रति माह 15 से 20 लख रुपए मिलते हैं इसलिए विभाग के प्रति यह जरा भी वफादार नहीं है यह एक शराब माफिया के लिए ही काम कर रहे हैं। देखना है नया एडिशनल कमिश्नर अनियमितता और अराजकता को लेकर काफी सख्त बताए जा रहे हैं उनकी निगाह में मुबारक अली का यह कारनामा आता है या नहीं।
वसूली के रूप में कार्मिक से हटाए गए थे मुबारक अली:
पूर्व में सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक के रूप में कार्यरत रहे मुबारक अली को ट्रांसफर पोस्टिंग के प्रकरण में वसूली के चलते ही विभागीय मंत्री के आदेश के बाद हटाया गया था लेकिन फिर भी उन्हें कहीं और चार्ज न देकर लखनऊ कैंप कार्यालय में स्थापित कर दिया गया जहां पर वह ट्रांसफर पोस्टिंग में वसूली का ठेका लेते हैं। हैरानी की बात है कि लखनऊ में ही कमिश्नर एडिशनल कमिश्नर और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी बैठते हैं इतना ही नहीं विभागीय मंत्री भी लखनऊ में ही बैठते हैं फिर भी मुबारक अली का दुस्साहस देखने लायक है कि वह अपनी मूल पोस्टिंग के बिना इतने बड़े कारनामे कैसे कर रहा है।
More Stories
मोडवेल के खेल में फसी शराब कंपनी और आबकारी विभाग:
इजराइल का सरेंडर
अमेरिका के सैन्य अड्डे पर ईरान का भीषण हमला: