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जातिगत जनगणना के बाद योगी का भविष्य :

नई दिल्ली। जातिगत जनगणना की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरियाणा के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। कहां जा रहा है कि जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद भाजपा में सामान्य वर्ग के क्षत्रपों का भविष्य अंधकार में हो गया है । जातिगत जनगणना के नतीजे के आधार पर नेताओं के भविष्य का फैसला होना है ऐसे में कहा जा सकता है कि देश प्रदेश में बैकवर्ड और अनुसूचित जातियों की संख्या सबसे ज्यादा है इस हिसाब से पार्टी राज्य में अपना नेतृत्व तैयार करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही प्रधानमंत्री मोदी की पसंद नहीं रहे हैं और ऐसे में जातिगत जनगणना की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में योगी की उपयोगिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। कहां जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 55% पिछड़ी जातियों की संख्या है ऐसे में मात्र 8% ठाकुर वर्ग के भरोसे योगी आदित्यनाथ भाजपा का चेहरा नहीं हो सकते। अंदर खाने से मिल रही सूचना के मुताबिक 2027 में जाने से पहले उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के आसार हैं अगले 1 से 2 महीने के भीतर ही कुछ बड़ा हो सकता है। जातिगत जनगणना के ऐलान के बाद से ही पार्टी के सामान्य वर्ग के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है क्योंकि सरकार और संगठन सभी जगह  बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक जातियों की संख्या की दृष्टि से ही समायोजन होगा ऐसे में सामान्य वर्ग के लोगों के लिए अब भाजपा में कुछ खास नहीं बचा। ऐसी चर्चा शुरू हो गई है।

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