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लखनऊ। जून में अवकाश प्राप्त करने जा रहे गन्ना आबकारी और चीनी के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को झटका लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक पुराने मामले में लंबित जांच को शासन ने मंजूरी दे दी है। अवध भूमि न्यूज़ इस खबर की पुष्टि नहीं करता लेकिन फिलहाल इसकी चर्चा जोरों पर है। सूत्रों की बात पर यकीन करें तो यह मामला संभवतः मायावती सरकार के समय किसी वित्तीय अनियमितता से जुड़ा हुआ है। एक अन्य खबर के मुताबिक कुछ ही दिनों में अवकाश प्राप्त करने जा रहे वर्तमान में आगरा जोन के ज्वाइंट कमिश्नर राजेश मणि त्रिपाठी की भी एक जांच लंबित है जिसमें शासन स्तर पर उनकी पेंशन को अंतिम रूप से बहाल करने पर विचार करने की सूचना है। कहां जा रहा है कि मेरठ में पोस्टिंग के दौरान उनके खिलाफ कुछ गंभीर शिकायतें हुई थी और यह प्रकरण अभी भी जांच के के लिए लंबित पड़ा हुआ है
राजेश मणि त्रिपाठी को हाल ही में मुख्यालय ईआईबी के चार्ज से हटाकर आगरा दुमका ज्वाइंट कमिश्नर बनाया गया है।
शासन ने नीतिगत फैसले लेने पर लगाई रोक:
कहां जा रहा है कि शासन ने संजय भूसरेड्डी पर किसी भी तरह के नीतिगत फैसले पर रोक लगा दी है। सूत्रों का कहना है कि खुद संजय भूसरेड्डी ने किसी भी तरह के नीतिगत फैसलों से जुड़ी पत्रावली उन तक नहीं भेजने की बात की है।
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