लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का चाहे जितना दावा करें लेकिन अपने विभाग का ही भ्रष्टाचार और अराजकता रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
ताजा मामला हापुड़ जिले का बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक विजय राठी नाम के उपनिरीक्षक पर कई वादकारियो ने विपक्ष से पैसा लेकर चार्जशीट से नाम हटाने का आरोप लगाया जिसका संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने जांच करवाई जिसमें दरोगा की भूमिका संदिग्ध पाई गई। पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए आरोपी दरोगा विजय राठी को निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद विजय राठी गायब हो गया तथा 2 दिन बाद पुलिस लाइन में परेड के दौरान दिखाई पड़ा जिस पर नाराज होकर पुलिस कप्तान ने उसे वहां से फौरन चले जाने के लिए कहा लेकिन दरोगा ने ऐसा करने के बजाए पुलिस कप्तान को ही गाली देना शुरू कर दिया जिसके बाद एसपी के आदेश पर उस को हिरासत में ले लिया गया और पिछले कई घंटे से वह पुलिस की हिरासत में है। इस घटना की गूंज पुलिस हेड क्वार्टर तक पहुंची है क्योंकि पुलिस कप्तान द्वारा दरोगा के आचरण और कार्य व्यवहार की शिकायत पुलिस महानिदेशक स्तर तक हुई है।
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