अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

नोएडा से चल रहा है आबकारी आयुक्तालय: आबकारी मुख्यालय में आयुक्त की होती है नाम मात्र की उपस्थिति:

प्रयागराज। आबकारी मुख्यालय मैं अराजकता और अनियमितताएं अपने चरम पर हैं।विभाग में कई लोग अपनी सेटिंग के चलते 20 वर्षों से ज्यादा समय से बने हुए हैं। आबकारी मुख्यालय में तैनात तथाकथित जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक जोगिंदर सिंह की नियुक्ति सवालों के घेरे में है। कहां जा रहा है कि जोगिंदर सिंह की जॉइनिंग के बाद से आज तक उनका कोई ट्रांसफर हुआ ही नहीं। मुख्यालय में ही कार्मिक विभाग में तैनात इंस्पेक्टर प्रसेनजीत राय करीब 7 वर्षों से तैनात है और कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी का करीबी है।

ट्रेस एंड ट्रैक सिस्टम फेल : विभाग को हजारों करोड़ रुपए का चूना लगा रहे शराब कारोबारी

विभाग द्वारा नियमों को ताक पर रखकर 544 करोड़ की लागत से जो ट्रेक एंड ट्रेस सिस्टम के तहत ओएसिस कंपनी से डिवाइस खरीद का जो सौदा 2018 में किया था आपूर्ति आज तक नहीं हो पाई है इसका फायदा बड़े शराब कारोबारी उठा रहे हैं। डिस्टलरी में अधिक बॉटलिंग के सापेक्ष कम क्यू आर जारी हो रहा है विभाग को प्रतिदिन करोडो का चूना लग रहा है।

कमिश्नर पांडियन सी आयुक्तालय में नहीं बैठते हैं बल्कि वाल लखनऊ के कैंप ऑफिस से पूरा विभाग चला रहे हैं। कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी पर आरोप है कि वह नोएडा स्थित अपने निजी निवास पर शराब कारोबारियों और अधिकारियों से मिलते हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि नोएडा आवास से भी उन्होंने कई बार कांफ्रेंसिंग कर अधिकारियों से संवाद करते हैं जबकि उनकी उपस्थिति और लोकेशन लखनऊ दिखाई जाती है। कमिश्नर अक्सर सड़क मार्ग से अपने निजी निवास नोएडा जाते हैं । सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या वह ऑफिशियल विजिट पर नोएडा तक जाते हैं यदि हां तो पूर्वी उत्तर प्रदेश और मुख्यालय के दौरे से परहेज क्यों करते हैं।

कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी उस समय चर्चा में आये जब उन्होंने सपत्नीक एक मशहूर शराब कंपनी की एक ब्रांड को प्रमोट करते हुए पुष्प ब्रांड के साथ अपनी फोटो भी खिंचाई। चर्चा यह भी है कि उस ब्रांड का मालिक सेंथिल पांडियन सी के नोएडा स्थित बंगले पर अक्सर मुलाकात करने आता है।

कुल मिलाकर आबकारी आयुक्त आले इन दिनों अराजकता अनियमितता और भ्रष्टाचार का केंद्र बना हुआ है ऐसा इसलिए हो रहा है कि आबकारी आयुक्त मुख्यालय में 80% से ज्यादा अनुपस्थित रहते हैं।

फिलहाल आबकारी निरीक्षकों की फर्जी ऑनलाइन ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर चर्चा में हैं।

About Author