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नजरिया: काश! भारत की बेटियों के साथ खड़ा होता बजरंग दल: कर्तव्य परायण इंस्पेक्टर की हत्या की जवाबदेही लेता बजरंग दल

नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में चर्चा का विषय बने हुए बजरंग दल को लेकर राजनीति तेज हो गई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजरंग दल के समर्थन में कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। कर्नाटक की चुनावी सभा में उन्होंने कहा कि बजरंगबली के भक्तों को कांग्रेश ताले में बंद करने की बात कर रही है। प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद बजरंग दल को लेकर पूरे देश में चर्चा भी हो रही है और बहुत से लोग बजरंग दल के साथ एकजुटता भी दिखा रहे हैं ऐसे में अब सवाल उठता है कि बजरंग दल दिल्ली में धरने पर बैठी यौन दुष्कर्म की शिकार महिला पहलवानों के साथ क्यों नहीं खड़ा हो रहा है। हनुमान जी तो ऐसे लोगों को सबक सिखाते हैं और यह भी अपेक्षा करते हैं कि उनके भक्त भी अन्याय अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करें। आखिर पीड़ित महिला पहलवानों की मदद में बजरंग दल आगे क्यों नहीं आ रहा है। क्या बजरंग दल बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह के सामने कमजोर हो गया है। क्या वह केवल राजनैतिक मामलों में ही मजबूत दिखाई देता है। आज बजरंग दल को अपनी छवि के साथ न्याय करना चाहिए और इंसाफ की लड़ाई लड़ रही भारत की महान बेटियों के साथ खड़ा हो जाना चाहिए।

इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या करने वाले बजरंग दल कार्यकर्ताओं को लेकर प्रधानमंत्री खामोश क्यों

यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री हिंदुत्व के लिए बजरंग दल के समर्थन में बिना संकोच खड़े हो गए लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्तव्य परायण इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की बेरहमी से हत्या करने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जमानत मिलने के बाद उनका स्वागत क्यों किया गया। सुबोध सिंह की पत्नी को प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए और उन्हें इंसाफ दिलाना चाहिए।

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