
नई दिल्ली। लगभग 1 साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। मिशन 2024 की तैयारी के संकेत मिलने लगे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस की लोकप्रियता में इजाफा हुआ तो क्षेत्रीय दल भी उसकी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। आज बिहार में भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन में नीतीश कुमार ने इशारा करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस उनकी सलाह मान ले तो पूरे देश में भाजपा को 100 सीटों के अंदर समेटना संभव है।
उनके इस बयान को भविष्य की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू का गठबंधन आकार लेगा। लगभग 132 लोकसभा सीटों पर यह गठबंधन चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। इस गठबंधन के शिल्पकार स्वयं लालू प्रसाद यादव नीतीश कुमार और सोनिया गांधी है।
व्यापक हो सकता है गठबंधन का असर
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने गठबंधन को लेकर कांग्रेस को भले ही भाव नहीं दिया लेकिन नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव हर हाल में कांग्रेस को अपने गठबंधन में शामिल रखना चाहते हैं। नीतीश कुमार केवल बिहार में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी भाजपा की मुश्किल बढ़ाना चाहते हैं।
माना जा रहा है कि पिछड़ी जातियों में कुर्मी वोट बैंक में नीतीश कुमार बड़ी सेंड लगा सकते हैं जबकि लालू प्रसाद यादव के मंच साझा करने पर यादव और मुस्लिम वोट बैंक का झुकाव भी गठबंधन की ओर हो सकता है दूसरी ओर कांग्रेस के साथ जुड़े सामान्य वर्ग के मतदाताओं का गठबंधन को फायदा होगा।
कहां जा रहा है कि इस संभावित गठबंधन को लेकर जदयू कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेताओं की बैठक अगले महीने हो सकती है।
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