भीलवाड़ा। उस समय भय और दहशत में भगदड़ मच गई जब अंतिम संस्कार को जा रहे अर्थी से एक मुर्दा अचानक झटके से उठा और भीड़ में कूदकर भागने लगा। मुर्दे के भागते हैं भीड़ में भगदड़ मच गई। भीड़ ने फिर से भागने वाले मुर्दे को पकड़ा और शेर रंग अबीर गुलाल से सराबोर कर फिर अर्थी पर लेटा दिया। दरअसल यह आदिवासी परंपरा की होली है जिसे प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
600 से ज़्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए हैं. इसके अलावा आरएसी की तीन कम्पनी और ढाई सौ होमगार्ड भी सुरक्षा में पुलिस के साथ लगाये गये. साथ ही हुड़दंगियों से सख्ती के साथ निपटने के लिए वीडियो और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी गई. शहरवासियों ने जमकर त्योहार का आनंद लिया.
अर्थी से कूदकर भागने लगी लाश
शहर में दोपहर दो बजे चित्तौड़वाले की हवेली के पास से मुर्दे की सवारी (ईलाजी की डोल) निकली गई. इसमें जिंदा युवक की अर्थी सजाकर बाजार में घुमाया गया और युवक गुलाल उडाते हुए चलते रहे. कुछ युवक अर्थी पर लेटे युवक पर वार करते रहे. इसके चलते वह अर्थी से कूदकर भागने का प्रयास करता तो फिर से उसे सुला दिया जाता. रंग और गुलालों के बीच परम्परानुसार शहर भर में शीतला सप्तमी का पर्व धुमधाम से मनाया गया.
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