प्रतापगढ़। जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कुछ भी अनहोनी हो सकती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी गिरेंद्र मोहन शुक्ला के नाक के बाल बताए जाने वाले महेश सिंह का कारनामा सुनकर आप दंग रह जाएंगे। अवध भूमि न्यूज़ ने इनकी नियुक्ति की पड़ताल की तो पता चला कि उनके पिता सचिवालय में लिपिक संवर्ग में कार्यरत रहे जबकि मां कोहड़ौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम के पद पर कार्यरत रही। यह भी जानकारी मिली है कि इनकी पत्नी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका है और पत्नी की नियुक्ति के बाद महेश सिंह की अनुकंपा नियुक्ति हुई। महेश सिंह की मां की सेवा काल में मृत्यु के बाद अनुकंपा आधार पर कंप्यूटर ऑपरेटर के पोस्ट पर पोस्टिंग हुई जबकि महेश सिंह ने हलफनामे में यह बात छुपा ली कि उनके पिता सचिवालय में लिपिक संवर्ग में कर्मचारी के रूप में सेवारत हैं।जब पिता और पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी के रूप में सेवारत थे तो उस दौरान महेश सिंह को अनुकंपा नियुक्ति कैसे मिल गई यह सवाल करने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भड़क गए। बोले महेश सिंह विभाग की ओर से जेम पोर्टल सहित सभी प्रकार के निविदा प्रक्रिया संबंधी पटल देखता है और हमारा महत्वपूर्ण जेम पोर्टल और निविदा के माध्यम से होने वाली खरीद संबंधी जिम्मेदारी महेश सिंह देखता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वीकार किया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से जेम पोर्टल और निविदा संबंधी प्रक्रिया के समस्त पटल सीएमओ आवास पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं। महेश सिंह फिलहाल कंप्यूटर ऑपरेटर का जॉब करने के बजाए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के लिए गुण गणित और वसूली का काम कर रहा है।
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