नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही कांग्रेस की सरकार आने पर महिलाओं का मंगलसूत्र छीन लेने की बात कह रहे हैं लेकिन वास्तविकता या है कि उनकी सरकार में 144 मिलियन लोग ऑनलाइन जुआ खेल रहे हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि तमाम परिवार इस ऑनलाइन गेमिंग की वजह से बर्बाद हो गए हैं। घरों में लड़ाई झगड़ा हो रहे हैं। परिवार टूट रहे हैं। महिलाओं के मंगलसूत्र और ज्वेलरी तक बिक जा रहा है।
इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (IEIC) के विश्लेषण और सेकेंडरी डेटा पर आधारित इंडिया गेमिंग रिपोर्ट 2024 में गेमर्स को 2023 में गेम के लिए भुगतान करने वाले 144 मिलियन उपयोगकर्ताओं से 2028 तक 240 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। “भारतीय गेमिंग उद्योग में 1,400 से अधिक गेमिंग कंपनियां शामिल हैं।” जिसमें 500 गेमिंग स्टूडियो शामिल हैं।
क्या है ऑनलाइन गेमिंग
ऑनलाइन गेमिंग से तात्पर्य उन खेलों से है जिन्हें खेलने के लिए इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है । यह सनराइज इंडस्ट्री का एक हिस्सा है और इन दिनों विभिन्न प्रकार के गेम्स तक पहुंच की मांग बढ़ रही है। उदाहरण के लिए पोकर, रम्मी और संवर्धित वास्तविकता पर आधारित अन्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले खेल शामिल है।
एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाजार है, जिसमें 568 मिलियन गेमर्स का उपयोगकर्ता आधार और 2024-25 में 9.5 बिलियन से अधिक गेमिंग ऐप डाउनलोड होंगे।
हालिया सर्वे में एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार 21000 करोड़ के पार चला गया है और सरकार को इस पर टैक्स के रूप में लगभग 5000 करोड रुपए मिला है। आने वाले समय में ऑनलाइन गेमिंग से सरकार का खजाना भरने की उम्मीद है।
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