अवधभूमि

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लखनऊ। आबकारी विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। गोंडा जनपद के नवाबगंज स्थित स्टार लाइट  ब्रुकेम डिस्टलरी के लिए  आवंटित सब्सिडी वाला 53786 कुंतल शीरा चोरी होने की बात सामने आ रही है। पता चला है कि शीरे का इस्तेमाल करते हुए तकरीबन 20 लाख लीटर अवैध विदेशी शराब का उत्पादन किया गया और अवैध निकासी करते हुए प्रदेश भर में तस्करी की गई।। एक अनुमान के मुताबिक आबकारी विभाग को लगभग 40 करोड रुपए की राजस्व क्षति हुई है।

  कैसे हुआ खुलासा: स्टार लाइट ब्रुकेम को विभाग द्वारा अलाट किया गया कंट्रोल वाला 53786 कुंतल मोलासेस के सापेक्ष ईएनए उत्पादन का कोई आंकड़ा आबकारी विभाग के पास है ही नहीं। यह तो मात्र एक व्यक्ति वर्ष का आंकड़ा बताया जा रहा है जबकि कहां जा रहा है कि कई वर्षों से स्टार लाइट को  शीरा आवंटित किया जाता रहा है। भरोसेमंद सूत्रों पर विश्वास करें तो लगभग तीन से चार लाख कुंतल शीरा अब तक चोरी किया जा चुका है।

दिलीप मणि स्कंद सिंह और आलोक कुमार की भूमिका सवालों के घेरे में:

स्टार लाइट डिस्टलरी में शीरा चोरी का यह खेल काफी समय से चल रहा है। जा रहा है कि इसकी शुरुआत पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूसा रेड्डी और भी गुरु प्रसाद के समय शुरू हुई थी। स्टार लाइट जो की गोंडा के नवाबगंज में अपनी बॉटलिंग प्लांट संचालित कर रहा है यह जानते हुए उसे हर साल कंट्रोल वाला शीरा आवंटित कर उसकी विदेशी शराब बनवाकर अवैध रूप से बिक्री का खेल किया जाता रहा है। आसान भाषा में कहीं तो यहां तैनात रहे डिप्टी एक्साइज कमिश्नर जॉइंट एक्साइज कमिश्नर कमिश्नर एडिशनल कमिश्नर और प्रमुख सचिव लेवल पर इस फैक्ट्री में अवैध देसी और विदेशी शराब का उत्पादन और निकासी की गई। यह कैसे हो सकता है कि एक तरफ स्टार लाइट ब्रुकेम को लाखों कुंतल शीरा आवंटित किया गया और दूसरी ओर विभाग आवंटित किए गए  शीरा के सापेक्ष शराब उत्पादन का आंकड़ा जारी ही नहीं कर रहा है। इस खेल में तत्कालीन एडिशनल एक्साइज कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव और फर्जी जॉइंट डायरेक्टर जोगिंदर सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। फिलहाल स्टार लाइट डिस्टलरी का यह घोटाला पूरे विभाग को निर्वस्त्र कर रहा है।

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