
प्रयागराज। आबकारी आयुक्त कार्यालय में भ्रष्ट और दागी आबकारी निरीक्षकों की चांदी है। लखनऊ में पशु आहार यूनिट से वसूली के आरोप में निलंबित रहे निरीक्षक आशुतोष उपाध्याय और सुनीता ओझा की पर्सनल में पोस्टिंग कर दी गई। इस सेक्सन में ही अधिकारियों की एसीपी का रखरखाव विभागीय कार्रवाइयों की पत्रावली और सुनवाई संबंधित प्रकरण देखे जाते हैं। नियमानुसार यहां पर बेदाग छवि के लोगों को रखना चाहिए लेकिन आबकारी आयुक्त की कृपा ऐसे निरीक्षकों पर बरस रही है जो वसूली जैसे गंभीर मामले में निलंबित हुए हैं। इतना ही नहीं पर्सनल में तैनात एक निरीक्षक अतुल कुमार को मेरठ में भ्रष्टाचार निरोधी दस्ते ने रंगे हाथ 65 हजार रिश्वत लेते पकड़ा था ऐसे दागी निरीक्षक की पोस्टिंग पर्सनल स्टाफ के रूप में करके भ्रष्ट लोगों के लिए अच्छा संदेश आयुक्तालय द्वारा दिया गया है। चर्चा तो यह भी है कि प्रसेन रॉय जो करीब 18 वर्षों से यही तैनात है और जिस पर एसीपी संबंधी पत्रावली गायब करने के आरोप भी लगे हैं और जो अधिकारियों और कर्मचारी की डीपीसी के समय कथित रूप से कमिश्नर और प्रमुख सचिव के नाम पर भी वसूली करता है उसी की सिफारिश पर पर्सनल में आशुतोष उपाध्याय सुनीता ओझा अर्जुन कुमार और अंकित जैसे दागी निरीक्षकों की पोस्टिंग की गई है।
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