
राहुल गांधी का बड़ा आरोप: 6,018 वोट डिलीट करने की साज़िश, चुनाव आयोग बीजेपी का औजार बन चुका है
नई दिल्ली/बेंगलुरु।
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर चुनाव आयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 6,018 वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाने की कोशिश की गई, और यह संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट आरोप लगाया कि दलितों और अल्पसंख्यकों को टारगेट करके उनके वोट काटे जा रहे हैं और चुनाव आयोग इस पूरे खेल का संरक्षक बन चुका है।
14 मिनट में 12 वोट गायब!
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने सूर्यकांत नामक एक मतदाता को मीडिया के सामने पेश किया। सूर्यकांत ने बताया कि उसके नाम पर फर्जी लॉगिन का इस्तेमाल करके सिर्फ 14 मिनट में 12 लोगों के वोट कट गए, जबकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। राहुल गांधी ने कहा कि यह संगठित चुनावी साजिश है, जिसमें आम मतदाताओं के अधिकार छीन लिए जा रहे हैं।
फर्जी मोबाइल नंबरों से वोट कटवाए गए
राहुल गांधी ने दावा किया कि बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके मतदाताओं के नाम हटाए गए। यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के पोर्टल पर फर्जी लॉगिन और संदिग्ध आईडी से मतदाताओं को डिलीट किया गया। उन्होंने कहा कि “ये लोकतंत्र की हत्या है। जिनके वोट काटे गए, वे ज्यादातर दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। बीजेपी जानबूझकर कमजोर वर्गों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।”
CID की चिट्ठियों का कोई जवाब नहीं
राहुल गांधी ने बताया कि कर्नाटक CID ने चुनाव आयोग को कई चिट्ठियां लिखकर उन विवादित मोबाइल नंबरों और लॉगिन आईडी की जानकारी मांगी है जिनसे वोट कटवाए गए। लेकिन चुनाव आयोग ने एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जानबूझकर जानकारी छुपा रहे हैं और दोषियों को बचा रहे हैं।
चुनाव आयोग के अंदर से मिल रही मदद
राहुल गांधी ने सनसनीखेज दावा किया कि अब चुनाव आयोग के अंदर के कुछ अधिकारी खुद कांग्रेस की मदद कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है कि आयोग के नाम पर लोकतंत्र की नींव हिलाई जा रही है।
राहुल की चेतावनी
कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि आयोग को यह बताना होगा कि आलंद में 6,018 वोट किसने कटवाए और किन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि “अगर चुनाव आयोग ने जानकारी नहीं दी तो हम आंदोलन तेज करेंगे और इस मामले को संसद और सुप्रीम कोर्ट दोनों में उठाएंगे।”
चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना
राहुल गांधी के आरोपों से एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ गए हैं। आयोग से अपेक्षा थी कि वह पारदर्शिता और जवाबदेही दिखाए, लेकिन CID की चिट्ठियों का जवाब तक नहीं देना यह साबित करता है कि संस्था की नीयत संदिग्ध है। जिस आयोग पर देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जिम्मेदारी है, वही अगर वोट डिलीट करने वालों को संरक्षण देने लगे तो लोकतंत्र का भविष्य अंधेरे में है।
राहुल गांधी के इन आरोपों से यह साफ हो गया है कि मतदाता सूची से छेड़छाड़ सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को अब या तो देश के सामने सच रखना होगा या इस्तीफ़ा देना होगा।
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें:
- राहुल गांधी का बड़ा आरोप – चुनाव आयोग बीजेपी का औजार बन चुका!
- कर्नाटक की आलंद सीट पर वोट डिलीट घोटाला – 6,018 वोट हटाने की साज़िश!
- राहुल ने पेश किया सूर्यकांत नाम का मतदाता – 14 मिनट में 12 वोट कट गए!
- दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट कर काटे गए वोट – राहुल का आरोप।
- फर्जी मोबाइल नंबर और लॉगिन से मतदाताओं के नाम काटे गए।
- कर्नाटक CID ने चुनाव आयोग को कई चिट्ठियां लिखीं – आयोग ने एक का भी जवाब नहीं दिया।
- CEC ज्ञानेश कुमार पर निशाना – राहुल बोले, “जानकारी छुपाई जा रही है!”
- चुनाव आयोग के अंदर से मिल रही मदद – राहुल का सनसनीखेज दावा।
- राहुल ने चुनाव आयोग को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया।
- बोले – “अगर जवाब नहीं मिला तो आंदोलन संसद से सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।”
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