लखनऊ। अपर मुख्य सचिव आबकारी गन्ना एवं चीनी संजय भूसरेड्डी पर उत्पीड़न और अत्याचार का गंभीर आरोप लगाते हुए आबकारी महकमे के एक निलंबित इंस्पेक्टर शंकरलाल ने मुख्य सचिव से मुलाकात का समय मांगा है और अपनी उत्पीड़न के लिए अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदार मानते हुए इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है।
बता दें कि 198 से ज्यादा आबकारी महकमे के अधिकारियों को निलंबित रखा गया है और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बहाल नहीं किया जा रहा है। इसी मामले में पिछले कई सालों से कुंडा सर्किल में तैनात इंस्पेक्टर शंकर लाल को भी निलंबित रखा गया है। आरोपों का जवाब और स्पष्टीकरण देने के बाद भी विभाग ने उन्हें अभी तक बहाल नहीं किया है। शंकरलाल द्वारा हाईकोर्ट का डायरेक्शन लाने के बावजूद अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के मौखिक आदेश पर उनकी बहाली यह कह कर लटका दी गई है कि जब तक आबकारी अधिकारियों का प्रकरण निश्चित नहीं हो जाता तब तक बहाली नहीं की जाएगी। इस प्रकरण में निलंबित इंस्पेक्टर शंकरलाल ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी से मिलने की कई बार कोशिश की लेकिन उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया। और कहा तो यहां तक जा रहा है कि कई जॉइंट और डिप्टी लेवल निलंबित अधिकारियों और इंस्पेक्टर को भूसरेड्डी ने गाली गलौज करते हुए धमकी दी कि मेरे रहते कोई बहाली नहीं होगी।
संजय भूसरेड्डी पर यह भी गंभीर आरोप लगा है कि जूम और वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी अधिकारियों की मां बहन को गाली देने से बाज नहीं आते। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिला आबकारी अधिकारियों की मीटिंग में कहां गया कि बिना कंडोम के ही …..फाड़ के रख दूंगा। डॉक्टर भी सिलाई नहीं कर पाएंगे। ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने वाले संजय भूसरेड्डी आबकारी महकमे में गुंडागर्दी के पर्याय बन चुके हैं।
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