लखनऊ। आबकारी विभाग अपने कारनामों की वजह से फिर चर्चा में है। मुख्यालय में 8 वर्षों से तैनात प्रसेन राय और शासन में विशेष सचिव के पद पर तैनात दिव्य प्रकाश गिरी की मिली भगत से गत अक्टूबर 2023 में हुए इंस्पेक्टर से सहायक आबकारी पद की विभागीय प्रोन्नति प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई। जेस्टा सूची में छेड़छाड़ की गई। अभियोग प्रचलित होने के बावजूद पदोन्नति दे दी गई।
क्या है मामला:
पता चला है कि अगस्त 1990 में उप निरीक्षक के तौर पर नियुक्ति पाने वाले अशोक कुमार जिन्हें प्रमोशन में आरक्षण के जरिए निरीक्षक पद पर तैनाती मिली लेकिन 2003 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पदोन्नति में आरक्षण निरस्त किए जाने के बाद पुनः उप निरीक्षक पद पर पदावनत कर दिया गया। अशोक कुमार को 2015 में फिर से इंस्पेक्टर पद प्रोन्नति मिली और सहारनपुर में प्रवर्तन में तैनात किया गया। इस बीच 2023 में निरीक्षकों की विभागीय प्रोन्नति प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें कई निरीक्षकों को मेजर पनिशमेंट के चलते प्रोन्नति नहीं मिल पाई थी लेकिन प्रसेन राय जो डीपीसी के दौरान एसीपी और एपीआर की एंट्री करते हैं उन्होंने जानबूझकर अशोक कुमार की एसीपी में उनके विरुद्ध प्रचलित अभियोग और उनके डिमोशन जैसे प्रकरण को छुपा लिया जिसकी वजह से उनकी प्रोन्नति हो गई। इस खेल में तत्कालीन कमिश्नर के अलावा विशेष सचिव की भी भूमिका बताई जा रही है।
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